ब्यूनस आयर्स। कतर में विश्व कप सेमीफाइनल में क्रोएशिया पर 3-0 से जीत के बाद फुटबॉल का दीवाना देश अर्जेंटीना कभी न खत्म होने वाले जश्न में डूब गया। सड़कों पर चारों तरफ अर्जेंटीना के झंडे, नीली जर्सी में लोगों का झुंड और आसमान तक गूंजता ‘मेसी-मेसी’ का शोर देश के लगभग हर शहर में देखने को मिला।
राजधानी ब्यूनस आयर्स में मैच खत्म होते ही लोग सड़कों पर उमड़ पड़े। टीम की जर्सी पहने लोगों के हाथ में देश का झंडा और लब पर राष्ट्रगान थे।
मैच शुरू होने से पहले पूरा शहर मानों थम गया था। चिलचिलाती गर्मी की दुपहर में कैफे, रेस्त्रां और सार्वजनिक स्थानों पर लगी बड़ी स्क्रीनों के सामने लोग नजरें गड़ाये खड़े थे। नजरें एकटक अपनी टीम और सुपरस्टार लियोनेल मेस्सी के प्रदर्शन पर।
एक विज्ञापन कंपनी में काम करने वाले 31 वर्ष के एमिलियानो एडम ने कहा, ‘मैं खुशी के मारे पागल हो गया हूं। यह पहला मैच था जिसमें मुझे कोई तनाव नहीं हुआ। शुरू से आखिर तक मैने पूरा मजा लिया।’
आर्थिक अस्थिरता का सामना कर रहे इस देश के लोगों के चेहरों पर टीम के इस प्रदर्शन ने मुस्कुराहट ला दी है। पहले मैच में सऊदी अरब से मिली अप्रत्याशित हार के बाद लगातार जीत दर्ज करके टीम फाइनल तक पहुंची। अर्जेंटीना में मुद्रास्फीति की दर प्रतिवर्ष करीब 100 प्रतिशत है और देश के दस में से चार व्यक्ति गरीबी में जी रहे हैं।
अभिनेत्री लैला डेसमेरी ने कहा, ‘हम सभी रोमांचित है। इतनी खुशी बरसों बाद मिली है। यह खूबसूरत है। हम बयां नहीं कर सकते कि अगले कुछ दिन कितने अच्छे होने वाले हैं।’
आर्किटेक्ट मरियानो बेलस्ट्रासे ने कहा कि हर दिन, हर मैच में टीम के प्रदर्शन में आया सुधार काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा, ‘लगता है कि सउदी अरब से मिली हार ने टीम को एकजुट कर दिया।’
पालेरमो में एक पारंपरिक कैफे में सन्नाटे में बैठे लोग अचानक जश्न में उछल गए, जब 33वें मिनट में मेसी ने पेनल्टी पर गोल दागा। खड़े होकर सजदे के अंदाज में लोग ‘मेसी, मेसी, मेसी’ चिल्लाने लगे। भीड़ में से किसी ने कहा, ‘मेसी का हाथ थामकर हम दुनिया फतह कर लेंगे।’