प्रयागराज/गाजीपुर। बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी व उसके सहयोगी भीम सिंह को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में दस-दस साल की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों पर पांच-पांच लाख रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है। जज दुर्गेश ने 1996 में दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे में मुख्तार अंसारी को दोषी माना है।
इस मामले में दर्ज किया गया था मुकदमा
गौरतलब है कि मुख्तार और उसके साथियों ने तीन अगस्त, 1991 में बनारस में पूर्व विधायक अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या कर दी थी। इसके बाद इसी मामले की विवेचना के दौरान 1996 में गाजीपुर पुलिस ने गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया था।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये कराई गई पेशी
गाजीपुर जिले के एक अन्य मुकदमे में गुरुवार को माफिया मुख्तार की पेशी ईडी कार्यालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए कराई गई। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के लिए बुधवार को ही जरूरी इंतजाम ईडी कार्यालय में किया गया था। माफिया मुख्तार के खिलाफ यूपी, दिल्ली, पंजाब के विभिन्न थानों में 40 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। मुख्तार को पंजाब से बांदा जेल में ट्रांसफर किए जाने के बाद ईडी ने उसके परिवार पर भी शिकंजा कसा है।
नौ दिन ED के कस्टडी में रहेगा माफिया मुख्तार
मुख्तार अंसारी आगामी नौ दिन तक ईडी की कस्टडी में रहेगा। कस्टडी रिमांड की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जिला जज संतोष राय ने अभियुक्त को 14 दिसंबर दोपहर एक बजे से लेकर 23 दिसंबर की दोपहर दो बजे तक ईडी को कस्टडी में रखने का आदेश दिया है।
अदालत ने यह भी कहा कि हिरासत अवधि समाप्त होने पर न्यायिक अभिरक्षा के समय मेडिकल परीक्षण कराया जाए। कस्टडी रिमांड मिलने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्तार को ईडी कार्यालय ले जाकर पूछताछ शुरू की गई। इसी मामले में मुख्तार का बेटा विधायक अब्बास व साला आतिफ रजा भी जेल में बंद हैं।
सुरक्षा में तैनात रही फोर्स
बता दें कि कोर्ट में पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी की सुरक्षा को लेकर पुलिस की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कचहरी से लेकर ईडी कार्यालय तक पुलिस और पीएसी के जवान तैनात रहे। पेशी के दौरान सुरक्षा में क्राइम ब्रांच को भी लगाया गया था। ईडी कार्यालय व आसपास सुरक्षा के दृष्टिगत कई पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है।