नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों के राजनीतिक भाग्य का फैसला आज देश की शीर्ष अदालत करने वाली है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही यह निर्भर है कि शिंदे को आज अपना पद छोड़ना पड़ेगा या वे सीएम बने रहेंगे कोर्ट करने वाला है।
दरअसल, पिछले साल के शिवसेना विद्रोह के बाद एकनाथ शिंदे और 15 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग वाली उद्धव ठाकरे खेमे की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला सुनाएगा। शीर्ष न्यायालय तय करेगा कि बीते साल जून में एकनाथ शिंदे और दूसरे विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करना उन्हें अयोग्य घोषित करने लायक है कि नहीं।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 5 जजों की पीठ ये फैसला सुनाएगी, पीठ ने 16 मार्च को फैसला सुरक्षित कर लिया था। अगर आज सुप्रीम कोर्ट एकनाथ शिंदे को अयोग्य घोषित कर देता है तो उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना होगा और सरकार को भंग कर दिया जाएगा।
इसके बाद जिस भी पार्टी के पास विधायकों की ज्यादा संख्या होगी, वो सरकार बनाने का दावा कर सकता है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने शीर्ष न्यायालय में उद्धव ठाकरे टीम का पक्ष रखा था, वहीं हरीश साल्वे, नीरज कौल और महेश जेठमलानी ने एकनाथ शिंदे खेमे के लिए बहस की थी।
बता दें कि इस राजनीतिक विद्रोह कि शुरुआत तब हुई थी जब एकनाथ शिंदे ने ठाकरे सरकार का विरोध करते हुए भाजपा के साथ सरकार बना ली थी। भाजपा के साथ सरकार बनाने से पहले कई दिनों तक शिंदे और उनके समर्थक विधायकों ने असम में डेरा डाले रखा था। जिसके बाद उन्होंने डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस के साथ महाराष्ट्र में सरकार बना ली।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले बीते दिन ही महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने दावा किया कि शिवसेना-भाजपा गठबंधन के पास महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में से 184 से अधिक वोट हैं और वह बहुमत साबित कर सकते हैं।