लखनऊ। पिछले दिनों वाराणसी दौरे पर गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बीच हुई करीब 45 मिनट की मुलाकात ने जहां प्रदेश में सियासी सरगर्मी को बढ़ा दिया है वहीं, सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने जो संकेत दिए है, उसने भी इस पटकथा के कथानक को साफ कर दिया है।
2022 के विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा से रिश्ता तोड़ने वाले सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में एक बार फिर साथ खड़े दिखाई देंगे। इस बात के संकेत अब साफ तौर पर मिलने लगे हैं।
राजभर के बेटे अरूण राजभर की शादी के मौके पर भाजपा नेताओं का जुटान और उसके 48 घंटे के भीतर ही आधी रात को मुख्यमंत्री से बंद कमरे में उनकी मुलाकात ने भाजपा से गठबंधन की पटकथा को अंतिम रूप दिया है।
दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद अरुण ने कहा था कि जल्द ही वह परिवार सहित लखनऊ पहुंचकर मुख्यमंत्री आवास जाकर योगी से आशीर्वाद लेंगे। अरुण के इस बयान के सियासी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं कि राजभर के तल्ख बयानों को लेकर असहज रहने वाले मुख्यमंत्री को सहज करने की कोशिश है।
हालांकि राजभर और भाजपा की तरफ से गठबंधन के बारे में अभी तक अधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा जा रहा है, पर दोनों तरफ के नेताओं द्वारा एक दूसरे के प्रति जिस सहजता से बयान दिए जा रहे हैं, उससे यह माना जा रहा है कि भाजपा-सुभासपा के नए रिश्ते की अधिकारिक घोषणा जल्द की जा सकती है।
वहीं, उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत लगभर पूरी हो चुकी है। हालांकि सूत्र गठबंधन के स्वरूप के बारे में बहुत कुछ नहीं बता पा रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि पूर्वांचल की सामाजिक समीकरणों और प्रदेश की राजनीतिक गणित को देखते हुए भाजपा और राजभर को एक दूसरे की जरूरत है।
दो सीटों पर बन सकती है बात
सूत्रों का कहना है कि राजभर गठबंधन की अधिकारिक घोषणा होने से पहले ही उन सीटों को पक्का करना चाहते हैं, जिनपर वह सुभासपा के उम्मीदवार लड़ाना चाहते हैं। सूत्रों का कहना है कि राजभर ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सामने फिलहाल दो सीटों पर दावेदारी पेश की है। इनमें एक घोसी के अलावा गाजीपुर, भदोही और चंदौली में कोई सीट शामिल है।
अगले महीने हो सकती है अधिकारिक घोषणा
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद अब राजभर और भाजपा के बीच गठबंधन की अधिकारिक घोषणा होना बाकी रह गया है। जल्द ही राजभर की दिल्ली में भाजपा नेतृत्व से मुलाकात होनी है।
इस मुलाकात में गठबंधन के स्वरूप को अंतिम रुप दिया जा सकता है । इसके बाद अगस्त में गठबंधन की घोषणा की जा सकती है। हालांकि राजभर के कोटे में लोकसभा की कौन सी सीट जाएगी, इसको चुनाव के समय ही सार्वजनिक की जाएगी।