7 जुलाई से PM मोदी का दो दिवसीय काशी दौरा, गिनाएँगे नौ वर्षों की उपलब्धियां

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात जुलाई को दो दिवसीय दौरे पर काशी आ रहे हैं। वह अपने संसदीय क्षेत्र में 1378.45 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करेंगे।

रिंगरोड के समीप वाजिदपुर में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर काशी से पूर्वांचल को बड़ा संदेश देंगे। साथ ही केंद्र सरकार की नौ वर्षों की उपलब्धियां बताएंगे। वह काशी के प्रबुद्धजनों से मुलाकात और संवाद करेंगे और पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर लोकसभा चुनाव में जीत का मंत्र देंगे।

वाजिदपुर में डटे अफसर

भाजपा पदाधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी मोदी के आगमन की तैयारियों में जुट गए हैं। सीडीओ हिमांशु नागपाल के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम शनिवार को वाजिदपुर पहुंची और जनसभा स्थल के लिए किसानों से ली जाने वाली भूमि की नापी कराई। किसानों की सूची भी बनाई गई। पंचक्रोशी रोड व आसपास के क्षेत्र में साफ-सफाई कराने के निर्देश दिए।

प्रधानमंत्री राष्ट्र को समर्पित करेंगे EDFC

पीएम मोदी सात जुलाई को ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (EDFC) के डीडीयू-सोननगर, डीडीयू-प्रयागराज व प्रयागराज-भाऊपुर सेक्शन का वर्चुअली शिलान्यास करेंगे। प्रयागराज से सोननगर तक ईडीएफसी का काम पूरा हो चुका है।

मालगाड़ियों के लिए 1900 हजार करोड़ रुपये की लागत से 555 किलोमीटर लंबे इस फ्रेट कारिडोर का लोगों को लंबे समय से इंतजार था। ईडीएफसी छह राज्यों बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा व पंजाब को जोड़ेगा। इस रेललाइन की कुल लंबाई 1873 किलोमीटर होगी। माल ढुलाई के लिए शुरू होने के बाद देश की सबसे बड़ी रेललाइन भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगी।

चार को तैयारी परखेंगे सीएम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तैयारियों को परखने चार जुलाई को बनारस आएंगे। वह लोकार्पण और शिलान्यास वाली योजनाओं की समीक्षा करने के साथ परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण भी कर सकते हैं।

संस्कृत विवि में दुर्लभ पांडुलिपियों का अवलोकन करेंगे पीएम

प्रधानमंत्री दो दिवसीय बनारस दौरे में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय भी आएंगे। वह परिसर स्थित सरस्वती भवन पुस्तकालय में दुर्लभ पांडुलिपियों का अवलोकन करने के साथ अंतरराष्ट्रीय छात्रावास में रह रहे विदेशी छात्रों से मिलेंगे।

कुलसचिव राकेश कुमार ने शनिवार को परिसर की साफ-सफाई का निरीक्षण किया। परिसर की प्रमुख दीवारों पर शास्त्रों से संबंधित चित्रकारी कराने का निर्णय लिया गया है। शिक्षकों ने उम्मीद जताई कि पीएम के आने से विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा भी जल्द मिलेगा।

सरस्वती भवन पुस्तकालय में एक लाख से अधिक पांडुलिपियां हैं। इनमें स्वर्णाक्षरयुक्त रास पंचाध्यायी (सचित्र) पांडुलिपि भी है, जिसमें सोने, चांदी की स्याही (पानी) से चित्रांकन किया गया है। ये चित्रांकन इतने सूक्ष्म हैं कि बिना लेंस देखना संभव नहीं।

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