आज लॉन्च होगा चंद्रयान-3, दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बनेगा भारत

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश)। भारत इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ा है। आज दोपहर ढाई बजे चंद्रयान-3 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। 23-24 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। अगर दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग होती है, तो भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा।

इसरो ने बताया कि आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC-SHAR) में मिशन चंद्रयान-3 की उलटी गिनती जारी है। एल-110 चरण ((लिक्विड इंजन)) में प्रणोदक भरने का काम पूरा हो गया है। इसरो का कहना है कि सी-25 चरण ((क्रॉयोजनिक इंजन)) में प्रणोदक भरना शुरू हो रहा है।

चंद्रयान-3 के साथ नहीं जाएगा ऑर्बिटर

चंद्रयान-2 की तरह ही चंद्रयान-3 में भी लैंडर और रोवर भेजा जाएगा, लेकिन इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछले मून मिशन का ऑर्बिटर अभी भी अंतरिक्ष में काम कर रहा है।

चांद पर लैंडिंग में हो सकता है बदलाव

चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर लैंडिंग 23-24 अगस्त को तय की गई है, लेकिन वहां सूर्योदय की स्थिति को देखते हुए इसमें बदलाव हो सकता है। अगर सूर्योदय में देरी होती है तो इसरो लैंडिंग का समय बढ़ाकर इसे सितंबर में कर सकता है।

क्या है चंद्रयान-3 मिशन?

चंद्रयान-3 मिशन चंद्रयान-2 का ही अगला चरण है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण करेगा। इसमें एक प्रणोदन मॉड्यूल, एक लैंडर और एक रोवर होगा। चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है।

मिशन की सफलता के लिए नए उपकरण बनाए गए हैं। एल्गोरिदम को बेहतर किया गया है। जिन वजहों से चंद्रयान-2 मिशन चंद्रमा की सतह नहीं उतर पाया था, उन पर फोकस किया गया है।

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