जी-20 घोषणापत्र सर्वसम्मति से स्वीकार जाने पर शशि थरूर ने कहा- गर्व की बात  

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने जी-20 शिखर सम्मेलन में सर्वसम्मति से घोषणापत्र को स्वीकार किए जाने पर भारतीय शेरपा अमिताभ कांत की तारीफ की। थरूर ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन में रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रमुख मतभेदों को दूर करते हुए सर्वसम्मति से घोषणापत्र स्वीकार किए जाने के बाद भारत ने एक बड़ी जीत हासिल की है। यह देश के लिए गर्व की बात है।

एक रात पहले की जटिल बातचीत से मिली सफलता

गौरतलब है, एक रात पहले की कठिन समझौता वार्ता ने भारत को वह सफलता दिला दी, जिसके लिए पीएम मोदी की टीम जी-20 अध्यक्षता मिलने के बाद से ही दिन रात परिश्रम कर रही थी। दरअसल, शुक्रवार शाम तक यूक्रेन मुद्दे को लेकर दिल्ली घोषणापत्र पर आम सहमति का मामला अटका हुआ था।

यह खतरा भी मंडरा रहा था कि क्या शिखर सम्मेलन से एकजुट बयान जारी हो पाएगा, लेकिन इसके बाद भारतीय टीम ने चीन, रूस और पश्चिम के देशों के प्रतिनिधियों के साथ फिर से वार्ता का दौर शुरू किया।

इसमें भारत को ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया का पूरा सहयोग मिला। इन प्रयासों से भारत को यूक्रेन मसले पर तैयार अनुच्छेद को लेकर चीन को सहमत करने में कामयाबी मिल गई थी। बाद में यूरोपीय देशों ने भी इस पैरे में लिखी बातों से सहमति जता दी थी।

आसान नहीं था घोषणापत्र पर आम सहमति बना पाना

जी-20 के भारतीय शेरपा अमिताभ कांत ने भी एक समाचार चैनल में इस बात की पुष्टि की थी कि आम सहमति बनाने में ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया ने पूरा सहयोग किया। उन्होंने कहा था कि नई दिल्ली घोषणापत्र पर सदस्य देशों से 200 घंटे तक चर्चा हुई। रूस और चीन के साथ अलग से लंबी बातचीत हुई, जिसके बाद शुक्रवार रात को अंतिम मसौदे पर सहमति बनी।

जब आपने आईएएस का विकल्प…

इसी बातचीत को आधार बनाकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक्स पर भारतीय शेरपा अमिताभ कांत को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि जब आपने आईएएस का विकल्प चुना तो आईएफएस ने एक प्रतिष्ठित राजनयिक खो दिया। उन्होंने इसे भारत के लिए गर्व का पल बताया।

G20 शेरपा कौन होते हैं?

जी-20 सम्मेलन में जितने भी देश शामिल हो रहे हैं. वह अपने देश की तरफ से एक एक शेरपा नियुक्त करते हैं। सदस्य देशों के शेरपा जी-20 सम्मेलन के दौरान अपने-अपने देश को प्रदर्शित करते हैं। इस सम्मेलन में वह अपने नेताओं की मदद तो करते ही हैं साथ ही उनका काम अपने देश के नीतिगत फैसले से सभी सदस्य देशों को अवगत कराना भी है।

आसान भाषा में समझे तो शेरपा का पद किसी राजदूत के बराबर होता है। शेरपा की नियुक्ति सदस्य देशों की सरकार करती है। भारत ने अपना शेरपा अमिताभ कांत को बनाया है।

पीएम मोदी ने किया एलान

बता दें कि शिखर सम्मेलन के पहले ही दिन, दूसरे सत्र की शुरुआत में पीएम मोदी ने विदेशी मेहमानों को संबोधित करते हुए कहा था कि नई दिल्ली ‘जी 20 डिक्लेरेशन’ पर सहमति बनी है। इसके बाद मोदी ने कहा था कि मैं चाहता हूं कि इस डिक्लेरेशन को ‘एडॉप्ट’ कर लिया जाए। कुछ ही देर बाद मोदी ने घोषणा कर दी थी कि दिल्ली ‘डिक्लेरेशन’ को मंजूर कर लिया गया है। भारत की अध्यक्षता में हो रहे शिखर सम्मेलन में यह एक बड़ी जीत थी।

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