तेल अवीव। इस्राइल-हमास युद्ध के बीच कल मंगलवार को गाजा पट्टी में अल-अहली अरब अस्पताल में कई धमाके हुए। इनमें कम से कम 500 लोगों की मौत हुई है। गाजा में सत्तारूढ़ हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है।
प्रवक्ता ने कहा कि अस्पताल की ध्वस्त इमारत के मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। गौरतलब है कि गाजा के कई अस्पताल सैकड़ों लोगों के लिए शरणस्थल बन गए हैं, उन्हें उम्मीद है कि इस्राइल द्वारा आसपास के इलाकों के सभी निवासियों को दक्षिणी गाजा पट्टी में खाली करने के आदेश के बाद उन्हें बमबारी से बचाया जाएगा।
अभी यह साफ नहीं है कि अस्पताल में यह हादसा किस तरफ से हमले में हुआ। जहां हमास ने अस्पताल में हमले के पीछे इस्राइली वायुसेना को जिम्मेदार ठहराया है, तो वहीं इस्राइल का कहना है कि इस हमले की वजह फलस्तीन इस्लामिक जिहाद (PIJ) संगठन की ओर से की गई रॉकेटों की बारिश है, जो उसके अपने ही लोगों को निशाना बना गई।
इस्राइली सेना ने क्या कहा?
उधर इस्राइल डिफेंस फोर्सेज (IDF) के अफसरों ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चलता है कि गाजा के अस्पताल में विस्फोट हमास के असफल रॉकेट लॉन्च के कारण हुआ। IDF ने अपने एनालिसिस के आधार पर कहा कि जिस दौरान अल-अहली अल-महदी अस्पताल में ब्लास्ट हुआ, ठीक उसी दौरान गाजा में कुछ आतंकियों की तरफ से रॉकेटों का एक जत्था अस्पताल के पास से ही छोड़ा गया था।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में मासूमों की मौत का जिम्मेदार फलस्तीन के इस्लामिक जिहाद संगठन ही है। IDF प्रवक्ता ने कहा कि इस्राइल के पास कई ऑडियो रिकॉर्डिंग हैं, जिसमें हमास के लोग इस धमाके के पीछे इस्लामिक जिहाद को जिम्मेदार बता रहे हैं।
जिन लोगों ने हमारे बच्चों को मारा, उन्होंने अपने बच्चों की भी हत्या की
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, पूरी दुनिया को यह पता होना चाहिए कि गाजा के बर्बर आतंकवादियों ने ही गाजा के अस्पताल पर हमला किया है, IDF का इसमें कोई हाथ नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हमारे बच्चों की बेरहमी से हत्या की, उन्होंने अपने बच्चों की भी हत्या कर दी।
इस्राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के प्रवक्ता ताल हेनरिक ने कहा कि इस्राइली सेना अस्पतालों को निशाना नहीं बनाती। हम सिर्फ और सिर्फ हमास के आतंकियों के बिलों, हथियार भंडार और उनके ठिकानों पर ही हमले कर रहे हैं।
फलस्तीनी राजदूत ने लगाए आरोप
वहीं, इस्राइली पीएम नेतन्याहू के इस बयान पर संयुक्त राष्ट्र में फलस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने पलटवार किया है। उन्होंने नेतन्याहू को झूठा बताया। कहा, ‘वह झूठे हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि इस्राइल ने यह सोचकर हमला किया कि अस्पताल के आसपास हमास का ठिकाना था। फिर उन्होंने वह ट्वीट हटा दिया। हमारे पास उस ट्वीट का एक स्क्रीनशॉट है।’
मंसूर ने आगे कहा, ‘अब उन्होंने फलस्तीनियों को दोषी ठहराने की कोशिश करने के लिए कहानी बदल दी है। सेना के इस्राइली प्रवक्ता ने एक बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि अस्पतालों को खाली करो। उनका इरादा खाली कराना था या अस्पतालों पर हमला करने का। वे इस अपराध के लिए जिम्मेदार हैं और वे इससे नहीं मानने के लिए कहानियां नहीं गढ़ सकते।’