नई दिल्ली। घरेलू बाजार में प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। सरकार ने घरेलू उपलब्धता बनाए रखने के लिए प्याज निर्यात पर 800 अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 67 हजार रुपये प्रति मीट्रिक टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) अधिसूचित किया है। सरकार बफर के लिए अतिरिक्त 2 लाख टन प्याज खरीदेगी। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बताया कि फैसला 31 दिसंबर तक लागू रहेगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में प्याज की किल्लत से बचने और ज्यादा उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके जरिए आसमान छूती कीमतों को काबू में रखने की कोशिश की जाएगी।
दिल्ली-एनसीआर में प्याज की कीमतें
मदर डेरी के करीब 400 सफल खुदरा स्टोर में प्याज 67 रुपये किलो बिक रहा है।
ई-कॉमर्स पोर्टल बिग-बास्केट 67 रुपये प्रति किलो की दर से मिल रहा है।
ओटिपी पर प्याज 70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है।
स्थानीय खुदरा दुकानदार प्याज को 80 रुपये किलो की दर से बेच रहे हैं।
प्याज की बढ़ती कीमतों में उछाल का कारण
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि मौसम संबंधी कारणों से खरीफ प्याज की बुआई में देरी हुई है। इससे फसल की आवक में भी देरी हुई है। खरीफ प्याज की आवक अब तक शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन नहीं हुई है। रबी सीजन की प्याज का भंडार खत्म होने से आपूर्ति कम हो रही है, जिससे कीमतें बढ़ रही हैं।
सरकार 25 रुपये/किलो की दर से बेच रही प्याज
उन्होंने कहा कि सरकार ने चालू वर्ष के लिए बफर प्याज स्टॉक को दोगुना कर दिया है। इससे घरेलू उपलब्धता में सुधार होगा और आने वाले दिनों में कीमतों पर अंकुश लगेगा। कीमतों में तेजी के बाद शुक्रवार को केंद्र ने ग्राहकों को राहत देने के लिए बफर स्टॉक से रियायती दर पर ज्यादा प्याज बेचने का फैसला लिया है। सरकार फिलहाल 25 रुपये किलो प्याज बेच रही है।
बुआई में देरी से महंगा हुआ प्याज
खुदरा बाजारों में, बफर प्याज को दो सहकारी निकायों एनसीसीएफ और एनएएफईडी आउटलेट और वाहनों के माध्यम से 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचा जा रहा है। दिल्ली में भी बफर प्याज इसी रियायती दर पर बेचा जा रहा है।