दिल्ली में वायु गुणवत्ता की स्थिति अभी भी गंभीर, अब कृत्रिम बारिश की है तैयारी

नई दिल्ली। दिल्ली में वायु गुणवत्ता की स्थिति आज भी गंभीर बनी हुई है। सीपीसीबी के मुताबिक कई इलाकों का AQI 400 के पार दर्ज किया गया है। आरके पुरम का एक्यूआई 453, पंजाबी बाग का 444, आईटीओ का 441 और आनंद विहार का 432 दर्ज किया गया है।

प्रदूषण के गंभीर हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने स्कूलों में दिसंबर में पड़ने वाला शीतकालीन अवकाश नवंबर में ही घोषित कर दिया है। सभी स्कूलों को 9 से 18 नवंबर तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। साथ ही, दूसरे राज्यों में पंजीकृत एप आधारित टैक्सियों के दिल्ली में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। वहीं, 13 से 20 नवंबर के बीच घोषित सम-विषम योजना को भी अभी टाल दिया गया है।

मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद समेत एनसीआर के प्रमुख शहरों में अभी हवा जहरीली ही बनी रहेगी।  प्रतिकूल हालात से जल्द राहत मिलने वाली नहीं है। पंजाब व पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने पर भी रोक नहीं लग पा रही है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा,  सम-विषम फॉर्मूले के प्रभावों पर शीर्ष कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई के बाद कोई फैसला होगा। शिक्षा निदेशालय के सर्कुलर में कहा गया है, शीतकालीन अवकाश को समय से पूर्व इसलिए किया गया है, ताकि स्कूल पूरी तरह से बंद हो जाएं और बच्चे व शिक्षक दोनों घर रह सकें।

कृत्रिम बारिश की तैयारी

गोपाल राय ने कहा, प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कृत्रिम बारिश का सहारा भी लिया जाएगा। आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने उनके साथ बैठक में बताया है कि वायुमंडल में बादल या नमी रहने पर ही कृत्रिम बारिश संभव है। विशेषज्ञों का अनुमान है, ऐसी स्थिति 20-21 नवंबर के आसपास बन सकती है। वैज्ञानिकों का प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा।

क्या है कृत्रिम वर्षा

क्लाउड सीड्स वैज्ञानिक तरीके से लैब में बनाए जाते हैं। सूखी बर्फ, नमक, सिल्वर आयोडाइड समेत कई केमिकल मिलाकर विमान से आकाश में फैलाया जाता है। इससे बारिश का वातावरण बनता है।

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