आबुधाबी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री ने बुधवार को अपने दौरे में यूएई में बने हिंदू मंदिर के उद्घाटन किया है। अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान पीएम ने कई कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया। वहीं यूएई सरकार के साथ द्विपक्षीय बैठक भी हुई हैं। मंगलवार को प्रधानमंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम ‘अहलन मोदी’ को संबोधित किया था। इस दौरान पीएम ने ‘भारत-यूएई दोस्ती जिंदाबाद’ कहा था।
पीएम मोदी का UAE दौरे में क्या रहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पर 13 फरवरी को अबू धाबी पहुंचे। अपनी यात्रा में बुधवार (14 फरवरी) को प्रधानमंत्री ने अबू धाबी में बने BAPS मंदिर का उद्घाटन किया। इससे पहले पीएम ने यहां के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को उनके व्यक्तिगत सहयोग और मंदिर के निर्माण के लिए भूमि देने के लिए धन्यवाद दिया। पीएम ने कहा कि दोनों पक्षों ने कहा कि बीएपीएस मंदिर संयुक्त अरब अमीरात-भारत मित्रता, गहरे सांस्कृतिक बंधनों का उत्सव है।
इस यात्रा से क्या हासिल हुआ?
दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की। उन्होंने द्विपक्षीय साझेदारी की समीक्षा की और सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा की। उन्होंने व्यापार और निवेश, डिजिटल बुनियादी ढांचे, फिनटेक, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, संस्कृति और दोनों देशों के लोगों के आपसी संबंधों जैसे सभी क्षेत्रों में व्यापक रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने का स्वागत किया। चर्चा में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे भी शामिल रहे।
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने द्विपक्षीय समझौतों पर सहमति व्यक्त की।
ये हुए समझौते
- द्विपक्षीय निवेश संधि
- इलेक्ट्रिकल इंटरकनेक्शन और व्यापार के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता
- भारत-पश्चिम एशिया आर्थिक गलियारे पर भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच अंतर-सरकारी ढांचागत समझौता
- डिजिटल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सहयोग पर समझौता
- दोनों देशों के राष्ट्रीय अभिलेखागार के बीच सहयोग प्रोटोकॉल
- विरासत और संग्रहालयों के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता
- लेनदेन प्लेटफार्मों यूपीआई (भारत) और एएएनआई (यूएई) को आपस में जोड़ने के बारे में समझौता
- घरेलू डेबिट/क्रेडिट कार्डों रुपे (भारत) और जयवान (यूएई) को आपस में जोड़ने पर समझौता
दोनों देशों के नेताओं ने ऊर्जा साझेदारी को मजबूत करने पर भी चर्चा की। उन्होंने सराहना की कि संयुक्त अरब अमीरात कच्चे तेल और एलपीजी के सबसे बड़े स्रोतों में से एक होने के अलावा, भारत अब एलएनजी के लिए दीर्घकालिक अनुबंध में प्रवेश कर रहा है।
यात्रा से पहले, राइट्स लिमिटेड ने अबू धाबी पोर्ट्स कंपनी और गुजरात मैरीटाइम बोर्ड के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। सरकार ने कहा कि इनसे बंदरगाह के बुनियादी ढांचे के निर्माण और दोनों देशों के बीच सम्पर्क बढ़ाने में मदद मिलेगी।
भारत-UAE के संबंध कैसे रहे हैं?
संयुक्त अरब अमीरात और भारत के बीच वर्षों पुराने संबंध हैं। ये रिश्ते सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों पर आधारित है। 1971 में संयुक्त अरब अमीरात फेडरेशन के बनने के साथ इन रिश्तों में और प्रगाढ़ता आई है।
1972 में संयुक्त अरब अमीरात ने नई दिल्ली में अपना पहला राजदूत नियुक्त किया। वहीं, भारत ने जून 1973 में संयुक्त अरब अमीरात में अपना पहला राजदूत नियुक्त किया। तब से दोनों पक्षों ने सभी क्षेत्रों में अपने संबंधों को और विकसित किया है।
दोनों देश किन-किन क्षेत्रों में भागीदार हैं?
UAE और भारत ने वाणिज्य, व्यापार और निवेश के क्षेत्र में मजबूत साझेदारी की है। यह साझेदारी रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष और सूचना प्रद्योगिकी क्षेत्रों में सहयोग पर जोर देने के साथ मजबूत हुई है। इसके अलावा दोनों देश रणनीतिक साझेदारी के रूप में उभर रहे हैं।