हिंसक हुआ किसान आंदोलन: 12 पुलिसकर्मी और 58 किसान घायल, एक की मौत; दो दिन टला दिल्ली कूच

जींद/अंबाला/पटियाला/चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा सीमा पर किसानों का आंदोलन जारी है। बुधवार को किसानों ने दिल्ली कूच किया तो पुलिस से झड़प हो गई। इस दौरान 23 आंदोलनकारी घायल हुए हैं। वहीं बठिंडा के एक नौजवान की मौत हो गई। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने घायल किसानों से अस्पताल में मिले और उनका हालचाल जाना।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर आठ दिनों से शंभू और दातासिंह वाला बॉर्डर पर डटे किसानों ने बुधवार सुबह दिल्ली कूच का प्रयास किया। जवाब में हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने आंसू गैस के गोले बरसाए और रबड़ की गोलियां भी चलाईं।

दातासिंह वाला बॉर्डर पर दो किसान गोली लगने से जख्मी हो गए, जिनमें से बठिंडा के गांव बल्लोंके के युवा शुभकरण (23) की मौत हो गई। दूसरे किसान संगरूर के नवांगांव के प्रीतपाल सिंह को भी गंभीर चोट आई है। उसे रोहतक पीजीआई में भर्ती किया गया है। किसानों का दावा है कि शुभकरण की मौत सिर पर रबर बुलेट लगने से हुई है।

टकराव में 52 किसान और 12 पुलिसकर्मी जख्मी हुए। शंभू बॉर्डर पर भी छह किसान घायल हुए हैं। दूसरी तरफ केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों को फिर बातचीत का न्योता दिया है। केंद्र के प्रस्ताव पर किसान नेताओं ने दो दिन के लिए दिल्ली कूच टाल दिया है। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि शुक्रवार शाम को आगे की रणनीति का एलान करेंगे।

दातासिंह वाला बॉर्डर पर बुधवार दोपहर करीब एक बजे आंदोलन ने उग्र रूप धारण कर लिया। जींद के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने कहा कि पंजाब के किसान बुलडोजर के माध्यम से बॉर्डर पर लगे अवरोधक हटाने की कोशिश कर रहे थे। रोकने पर उन्होंने पराली में मिर्च डालकर उसमें आग लगा दी और उसका धुंआ बड़े पंखे की मदद से पुलिस की ओर कर दिया।

इस पर पुलिस को भी आंसू गैस के गोले, वाटर कैनन और लाठीचार्ज का प्रयोग करना पड़ा। इसके अलावा कई किसानों ने तलवार व गंडासों से भी पुलिस पर हमला किया। अंबाला के शंभू बॉर्डर पर भी दिनभर घमासान चलता रहा। पुलिस की मोर्चेबंदी की बीच युवा किसानों ने शाम पांच बजे तक कई बार बैरिकेडिंग के समीप आकर तोड़ने का प्रयास किया लेकिन आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार के कारण उन्हें पीछा हटना पड़ा।

आंसू गैस से पंधेर व डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ी

दातासिंह वाला बॉर्डर पर किसान की मौत की खबर मिलने पर किसान नेता पंधेर व जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शाम को शंभू बार्डर पर एलान कर दिया कि अब ऐसे में सरकार से बातचीत करना उचित नहीं लगता। इसके बाद किसान नेताओं की अगुवाई में बड़ी गिनती में नौजवान बॉर्डर पर आगे बढ़ने लगे। हरियाणा की तरफ से ड्रोन के जरिये आंसू गैस के गोले दागे गए। इससे किसान नेता पंधेर व डल्लेवाल की तबीयत भी बिगड़ गई।

स्वास्थ्य मंत्री ने राजिंदरा का किया दौरा, घायलों का हालचाल जाना

उधर, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बुधवार देर शाम को सरकारी राजिंदरा अस्पताल का दौरा कर घायल किसानों का हालचाल जाना। उन्होंने खनौरी बॉर्डर पर नौजवान की मौत पर शोक जताया और कहा कि भारत देश एक है लेकिन केंद्र की ओर से उत्तर-पूर्वी राज्यों जैसे हालात बनाए जा रहे हैं और अंतरराज्यीय सरहद को अंतरराष्ट्रीय सरहद बना दिया गया है।

उन्होंने कहा कि अपनी मांगों के लिए शांतमयी प्रदर्शन के लिए दिल्ली जाने पर अड़े किसानों पर गोलियां व आंसू गैस के गोले दागना लोकतंत्र का कत्ल है। उन्होंने कहा कि घायल किसानों को अस्पताल लाने के वास्ते बॉर्डरों के पास एंबुलेंस तैनात की गई है।

हरियाणा से सटे मोहाली, पटियाला, संगरूर, बरनाला, मानसा, बठिंडा व मुक्तसर साहिब के सरकारी अस्पतालों में घायल किसानों के इलाज की पूरी व्यवस्था है जबकि बैकअप सहायता के तौर पर फतेहगढ़ साहिब व लुधियाना के अस्पतालों में एंबुलेंसों को भी तैयार रखा गया है।

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