अजित पवार ने अलग होने का फैसला क्यों लिया? जनता के नाम एक खुले पत्र में किया बड़ा खुलासा

मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार 25 फरवरी की रात अपने ‘एक्स’ हैंडल पर एक बयान जारी कर पाला बदलने और बीजेपी और शिवसेना से हाथ मिलाने के अपने कारणों को स्पष्ट किया। ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट में अजीत पवार ने लिखा, “मैंने एक विचारधारा और उद्देश्य के साथ बिना किसी समझौता किए विकास कार्यों को पूरा करने के इरादे से अपनी भूमिका निभाई है। मैंने पाया कि इस देश में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में महत्वपूर्ण विकास कार्य हो रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मुझे उनके नेतृत्व और सही निर्णय लेने की प्रक्रिया जैसे गुण पसंद आए। मेरी और उनकी कार्यशैली बहुत समान है। बड़ों का अनादर करने का मेरा कोई इरादा नहीं है।”

जनता के नाम खुले पत्र में अजित पवार ने क्या लिखा?

1991 से मैं वास्तव में राजनीतिक जीवन में आगे बढ़ रहा हूं। इस बारे में कई चर्चाएं हुईं कि कौन मुझे राजनीति में लाया, किसने मुझे मंत्री पद दिया, किसने मुझे मौका दिया। दरअसल, राजनीति में मुझे संयोगवश मौका मिल गया, उस समय राज्य स्तर पर नेतृत्व के लिए एक युवा की जरूरत थी, इसलिए मुझे एक परिवार के तौर पर वह मौका मिला।

अवसर मिलने के बाद मैंने दिन-रात काम किया, इसका अधिकतम लाभ उठाने के लिए कड़ी मेहनत की, अन्य सभी जिम्मेदारियों को नजरअंदाज किया और खुद को सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित कर दिया, यह यात्रा तीन दशकों से अधिक समय से चल रही है। मैं हमेशा न केवल अवसर प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करता हूं, बल्कि लोगों को काम करने के लिए हम उनका उपयोग कैसे कर सकते हैं।

मैंने सुबह 5 बजे से काम शुरू करने की आदत बना ली, क्योंकि समय आने पर समाज कल्याण, रचनात्मक और विकास कार्यों में तेजी आनी चाहिए। मैंने हमेशा उन मतदाताओं के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने की कोशिश की है जिन्होंने प्यार किया है और अपना विश्वास व्यक्त किया है।

मैंने पहले दिन से ही राजनीति करते हुए किसी भी अन्य मुद्दे से ज्यादा विकास को प्राथमिकता दी, विकास हमेशा मेरे और मेरे सभी साथियों का आज और भविष्य का एक बार का कार्यक्रम रहेगा। मैंने कुछ समय के लिए एक सत्तारूढ़ दल के रूप में और कुछ समय के लिए विपक्ष के रूप में अपने दिनों को देखा। जब वह सत्ता में थे तब उनके काम की गति और विपक्ष में रहने पर रुके हुए कार्यों दोनों का उन्होंने अनुभव किया। इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि यदि कोई लोगों के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करना चाहता है, तो उसे अतिरिक्त शक्ति की आवश्यकता है।

उन्होंने विचारधारा और लक्ष्यों से समझौता किए बिना विकास कार्यों को गति देने के उद्देश्य से एक अलग रुख अपनाया, जिसमें किसी का अपमान करने, किसी की भावनाओं को आहत करने, किसी के साथ विश्वासघात करने या किसी की पीठ में छुरा घोंपने का कोई इरादा नहीं था और ना कभी रहेगा।

मेरे मन में हमेशा बड़ों के प्रति सम्मान की भावना रही है, अपने साथियों को साथ लेकर और विभिन्न स्थानों पर युवाओं को अवसर प्रदान करना। आज भी मैंने सिर्फ स्टैंड लिया है, इससे साफ है कि सत्ता होगी तो विधानसभा क्षेत्र सहित प्रदेश के सभी विकास कार्यों में तेजी आएगी, कोई मंशा नहीं थी और न ही किसी का अनादर हुआ।

मैंने पाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देश का विकास महत्वपूर्ण, मजबूत नेतृत्व और सही निर्णय लेने की क्षमता है। मैंने उनके साथ जाने का फैसला किया है क्योंकि मैं और उनकी कार्यप्रणाली समान है, कि हम अपने काम से अधिक प्यार करते हैं, कि मैं उनके साथ अपनी भविष्य की विकास योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लागू कर पाऊंगा। मैंने इस राज्य को विकास में अग्रणी बनाने के उद्देश्य से यह भूमिका निभाई है। मेरे सत्ता में आने के बाद से हमने विकास की गति देखी है।

इसका उद्देश्य बुजुर्गों या बुजुर्गों का अनादर करना नहीं है, बल्कि भविष्य में लोगों के जीवन स्तर में सुधार कैसे करें, बुनियादी ढांचे को और अधिक कुशल कैसे बनाया जाए। इस मौके पर मैं राज्य की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आने वाले दिनों में एनसीपी किसी भी व्यक्तिगत आलोचना से बचती रहेगी और राज्य के लोगों के लिए विकास का खाका लेकर आएगी। मैं सभी माननीय नागरिकों से विनम्रतापूर्वक अपील करता हूं कि विकास के इस मार्ग पर मेरे साथ आएं और बड़ों को आशीर्वाद दें।

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