नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में वोटिंग प्रतिशत को लेकर काफी चर्चा हो रही है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 की तुलना में इस बार कुल वोटिंग में तीन प्रतिशत अंकों की गिरावट दर्ज की गई। पहले फेज में 66 फीसदी वोटिंग हुई। वहीं, साल 2019 में 69 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।
इस मुद्दे पर विदेशी मीडिया खासकर पश्चिमी देशों की मीडिया ने प्रतिक्रिया दी है। विदेशी मीडिया का कहना है कि भारत में इस समय गर्मी पड़ रही है। इस समय चुनाव क्यों कराया जा रहा है?
‘पॉलिटिकल प्लेयर’ के रुप में काम करना चाहती पश्चिमी मीडिया
पश्चिमी मीडिया के ऐसे सवालों का विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कड़ा जवाब दिया है। विदेश मंत्री ने कहा,”वे (पश्चिमी मीडिया) जानकारी के अभाव की वजह से नहीं, बल्कि चुनावों को प्रभावित करने के मकसद ‘पॉलिटिकल प्लेयर’ के रूप में काम करने की कोशिश करते हैं।
कल मंगलवार को हैदराबाद में राष्ट्रवादी विचारकों के एक मंच को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,”मुझे पश्चिमी प्रेस से इस तरह के बहुत सारे शोर मिलते हैं और अगर वे हमारे लोकतंत्र की आलोचना करते हैं, तो ऐसा इसलिए नहीं है, क्योंकि उनके पास जानकारी की कमी है। वो ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे भी हमारे चुनाव में राजनीतिक खिलाड़ी हैं।”
विदेशी मीडिया ने वोटिंग की टाइमिंग पर उठाए सवाल
एस जयशंकर ने आगे कहा,”मैंने भी पश्चिमी मीडिया के रिपोर्ट पढ़ी, जिसमें लिखा गया कि भारत में गर्मी है, वहां इस समय चुनाव क्यों हो रहा है? इन सवालों पर मैं उन्हें कहना चाहूंगा कि इस गर्मी में भी हमारे देश का सबसे कम मतदान आपके सर्वोत्तम रिकॉर्ड में सबसे अधिक मतदान से अधिक है।”
विदेश मंत्री ने कहा,”वे (पश्चिमी मीडिया) आपकी चुनाव प्रणाली, आपकी EVM, आपके चुनाव आयोग और यहां तक कि मौसम पर भी सवाल उठाएंगे क्योंकि वो सोचते हैं कि वो हमारे वोटिंग का हिस्सा हैं।”