फलस्तीन की सदस्यता वाले प्रस्ताव पर भड़का इस्राइल, राजदूत ने यूएन चार्टर के किए टुकड़े-टुकड़े

संयुक्त राष्ट्र/यरुशलम। हमास और इस्राइल बीते सात महीने से जंग लड़ रहे हैं। अब तक 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जहां सभी देश संघर्ष विराम की उम्मीद लगाए हुए थे। वहीं, अब एक बार फिर तनाव बढ़ गया है।

दरअसल, फलस्तीन की पूर्ण सदस्यता वाले प्रस्ताव को शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारी समर्थन मिला। इससे इस्राइल भड़क गया। यहां के राजदूत गिलाद एर्दान ने प्रस्ताव के पारित होने से ठीक पहले संयुक्त राष्ट्र चार्टर को भरी सभा में टुकड़े-टुकड़े कर दिया।

यह है मामला

गौरतलब है, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारी बहुमत के साथ फलस्तीन की पूर्ण सदस्यता का समर्थन किया है। ड्राफ्ट में कहा गया कि फलस्तीन योग्य है और पूर्ण सदस्य देश के रूप में उसे शामिल किया जाना चाहिए।193 सदस्यों वाले महासभा में शुक्रवार सुबह विशेष इमरजेंसी सत्र की बैठक बुलाई गई थी।

संयुक्त राष्ट्र में फलस्तीन की पूर्ण सदस्यता के समर्थन में अरब समूह का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में पेश किया गया। यूएई मई में अरब समूह का अध्यक्ष है, जिसने इस प्रस्ताव को पेश किया।

प्रस्ताव के पक्ष में भारत के साथ-साथ 143 देशों ने मतदान किया। प्रस्ताव के खिलाफ अमेरिका और इस्राइल समेत नौ देशों ने वोट डाले। वहीं 25 देश वोटिंग में शामिल नहीं हुए। वोटिंग के बाद संयुक्त राष्ट्र तालियों से गूंज उठा।

संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन

इस्राइल के दूत एर्दान ने प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का स्पष्ट उल्लंघन बताया। साथ ही कहा कि इसने पिछले महीने सुरक्षा परिषद में अमेरिकी वीटो को पलट दिया था। उन्होंने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र चार्टर को खारिज करते हुए महासभा के सदस्यों के लिए आईना दिखा रहे हैं।

कलंक के रूप में जाना जाएगा यह दिन

उन्होंने कहा कि यह दिन एक कलंक के रूप में जाना जाएगा। मैं चाहता हूं कि पूरी दुनिया इस पल, इस अनैतिक कृत्य को याद रखे। आज मैं आपके सामने एक आईना रखना चाहता हूं, ताकि आप देख सकें कि आप इस वोट से संयुक्त राष्ट्र चार्टर पर वास्तव में क्या थोप रहे हैं। आप अपने हाथों से संयुक्त राष्ट्र चार्टर को तोड़ रहे हैं।’

संयुक्त राष्ट्र को आधुनिक नाजियों के लिए खोला

संयुक्त राष्ट्र में इस्राइल के स्थायी प्रतिनिधि गिलाद एर्दान ने हमास को आधुनिक समय का नाजी कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र को आधुनिक समय के नाजियों के लिए खोलता है।

उन्होंने गाजा में हमास के प्रमुख याहया सिनवार की तस्वीर को दिखाते हुए कहा कि आज, आप भविष्य के आतंकी राज्य हमास को भी विशेषाधिकार देने और लिखने वाले हैं। आपने संयुक्त राष्ट्र को आधुनिक नाजियों के लिए, हमारे समय के हिटलर के लिए खोल दिया है।

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं आपके सामने आज की वोटिंग का परिणाम बताता हूं, जो भविष्य पर पड़ेगा। जल्द ही याहया सिनवार राष्ट्रपति बनने वाले हैं। इसके लिए आपके प्रति, महासभा के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता प्रकट करता हूं।’

संयुक्त राष्ट्र चार्टर के टुकड़े किए

एर्दान ने बाद में सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘मेरे भाषण के अंत में मैंने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के टुकड़े कर दिए। यह बताने के लिए कि महासभा संयुक्त राष्ट्र में फलस्तीनी आतंकवाद के प्रवेश के लिए अपने समर्थन में क्या कर रही है।’

सात माह से जंग जारी

हमास ने सात अक्तूबर को इस्राइली शहरों पर पांच हजार से ज्यादा रॉकेट दागकर हमले की शुरुआत की थी। इसके बाद हमास के आतंकियों ने इस्राइल में घुसकर लोगों को मौत के घाट उतारा। इसके जवाब में इस्राइल ने हमास आतंकियों के खिलाफ गाजा में ऑपरेशन शुरू किया था।

इस ऑपरेशन में गाजा स्थित हमास के ठिकानों पर जबरदस्त बमबारी की गई है, जिससे अधिकतर गाजा खंडहर में तब्दील हो गया है। अब तक इस्राइल और गाजा में कुल मिलाकर 30000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

बता दें कि गाजा के अधिकारियों का कहना है कि सात अक्तूबर के बाद से गाजा में इस्राइल के सैन्य अभियान में अब तक उनके 34,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, जबकि हजारों शवों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है।

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