अंतिम चरण की 13 सीटों पर आज थमेगा चुनाव प्रचार, मोदी-योगी के गढ़ पर सभी की निगाहें

लखनऊ। लोकसभा के चुनाव में अंतिम चरण के मतदान वाले क्षेत्रों और दुद्धी उप निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार का शोरगुल गुरुवार शाम छह बजे थम जाएगा।

सातवें चरण में महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मीरजापुर व राबर्ट्सगंज के लिए एक जून को मतदान होगा।

इन सभी 13 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 144 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनमें 134 पुरुष और 10 महिला हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 13 सीटों में नौ भाजपा, दो अपना दल (एस) और दो बसपा की झोली में गई थी।

मोदी-योगी के गढ़ में होने वाली निर्णायक लड़ाई पर सभी की निगाहें लगीं हैं। यूपी की सबसे अहम वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं।

गोरखपुर की चर्चित सीट से भाजपा ने अभिनेता और मौजूदा सांसद रवि किशन को टिकट दिया है। उनका मुकाबला सपा नेता काजल निषाद से है।

गाजीपुर की लड़ाई भी है रोचक

चंदौली सीट से केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय हैट ट्रिक लगाने के इरादे से मैदान में हैं। मीरजापुर से दो बार सांसद रह चुकी केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का मुकाबला सपा के रमेश बिंद से है।

गाजीपुर की लड़ाई भी रोचक है। सपा ने यहां से मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी को टिकट दिया है। अफजाल ने पिछले चुनाव में बसपा के टिकट पर इस सीट से जीत हासिल की थी।

घोसी पर सबसे अधि‍क उम्‍मीदवार 

अंतिम चरण में सबसे अधिक 28 उम्मीदवार घोसी सीट पर हैं जबकि सबसे कम सात-सात उम्मीदवार वाराणसी व देवरिया में हैं। वहीं, महाराजगंज व बांसगांव में आठ-आठ, कुशीनगर व सलेमपुर में नौ-नौ, गाजीपुर, मीरजापुर व चंदौली में 10-10,

राबर्ट्सगंज में 12 और गोरखपुर व बलिया सीट से 13-13, प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 2,50,56,877 मतदाता करेंगे। इनमें 1,33,10,897 पुरुष, 1,17,44,922 महिला और 1058 थर्ड जेंडर हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा-126 के तहत निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान समाप्त होने से पूर्व के 48 घंटे की अवधि (30 मई, सायं छह बजे) से चुनाव प्रचार-प्रसार संबंधी समस्त गतिविधियों व अभियानों पर प्रतिबंध रहेगा।

चुनाव प्रचार की अवधि समाप्त होने के बाद इन निर्वाचन क्षेत्रों में सभी राजनीतिक दलों के बाहरी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की मौजूदगी पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगी।

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