‘जय फलस्तीन’ पर फंसे ओवैसी, राष्ट्रपति से शिकायत; क्या जाएगी संसद की सदस्यता?

नई दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी मुश्किल में फंस गए हैं। सांसद के तौर पर शपथ लेने के बाद ‘जय फलस्तीन’ बोलने पर रार हो गई है। ओवैसी के खिलाफ राष्ट्रपति से शिकायत की गई है।

बता दें कि ओवैसी हैदराबाद से सांसद चुने गए हैं। कल 25 जून को नवनिर्वाचित सांसदों का शपथ ग्रहण समारोह था। अपना नंबर आने पर असदुद्दीन ओवैसी ने भी सांसद पद की शपथ ली, लेकिन इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसा कहा जिस पर सियासी बवाल हो गया।

जय फलस्तीन पर मचा बवाल

ओवैसी ने शपथ से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ा और उर्दू में शपथ ली, लेकिन शपथ के बाद उन्होंने ‘जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना और जय फलस्तीन’ का नारा लगाया। ओवैसे के नारे के बाद कई सांसदों ने हंगामा खड़ा कर दिया।

ओवैसी को अयोग्य घोषित करने की मांग

इसी बीच, ओवैसी के खिलाफ राष्ट्रपति से शिकायत की गई है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने एक पोस्ट में लिखा कि संविधान के अनुच्छेद 102 और 103 के संदर्भ में असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ राष्ट्रपति के समक्ष शिकायत दर्ज की गई है। उनकी संसद की सदस्यता रद्द करने की मांग हुई है।

ओवैसी का ‘जय फलस्तीन’ का नारा गलत : बीजेपी

‘जय फलस्तीन’ के नारे पर बीजेपी भड़क गई है। बीजेपी नेताओं ने इसकी निंदा की है। जी. किशन रेड्डी ने कहा कि संसद में असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दिया गया ‘जय फलस्तीन’ का नारा गलत है। यह सदन के नियमों के खिलाफ है। वह भारत में रहते हुए भी ‘भारत माता की जय’ नहीं कहते हैं।

Back to top button