गढ़चिरौली। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। विपक्षी MVA एक ओर जहां शिंदे सरकार पर लगातार हमला कर रही है। दूसरी और महायुति सरकार के घटक दल आपस में ही भिड़ रहे हैं। इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और NCP नेता अजित पवार के एक बयान से हर कोई हैरान है।
समाज को परिवारों में दरार पसंद नहीं
अजित पवार ने कहा है कि उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया है कि समाज को परिवारों में दरार पसंद नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे पता लग गया है कि जो लोग ऐसा करते हैं, समाज उसे माफ नहीं करता है।
क्यों कहा ऐसा?
शुक्रवार को गढ़चिरौली शहर में NCP द्वारा आयोजित जनसम्मान रैली को संबोधित करते हुए अजीत पवार ने पार्टी नेता और राज्य मंत्री धर्मराव बाबा आत्रम की बेटी भाग्यश्री को शरद पवार के नेतृत्व वाली NCP (SP) में जाने से रोकने की कोशिश की। आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में भाग्यश्री और उनके पिता के बीच संभावित मुकाबले को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।
उपमुख्यमंत्री ने लोगों से कहा बेटी को उसके पिता से ज्यादा कोई प्यार नहीं कर सकता। बेलगाम में उसकी शादी करने के बावजूद, धर्मराव गढ़चिरौली में उसके साथ खड़े रहे और उसे जिला परिषद का अध्यक्ष बनाया। अब भाग्यश्री अपने ही पिता के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं। क्या यह सही है?
आपको अपने पिता का समर्थन करना चाहिए और उन्हें जीतने में मदद करनी चाहिए क्योंकि केवल उनके पास ही क्षेत्र का विकास करने की क्षमता और दृढ़ संकल्प है। समाज कभी भी अपने परिवार को तोड़ना स्वीकार नहीं करता है।
किस तरफ था इशारा?
उनका इशारा हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में उनकी पत्नी सुनेत्रा और चचेरी बहन सुप्रिया सुले के बीच मुकाबले की ओर था।
एक महीने से भी कम समय में यह दूसरी बार है जब एनसीपी नेता पवार ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि उन्होंने अपने चाचा शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी को मैदान में उतारकर गलती की है और कहा कि राजनीति को घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए।