चंडीगढ़। पंजाब पंचायत चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। सुनील जाखड़ ने पंजाब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। बीते काफी दिनों से वे पार्टी से दूरी बनाए हुए थे।
बताया जा रहा है कि वे पार्टी से नाराज चल रहे थे। यही कारण है कि वे गुरुवार को पंचायत चुनावों की तैयारियों को लेकर रखी बैठक में भी शामिल नहीं हुए। जब इसे लेकर एक भाजपा नेता ने उन्हें फोन किया तो उन्होंने बैठक में शामिल होने से मना कर दिया। आगे से भी किसी बैठक में शामिल न होने की बात कही।
सीनियर के बाद भी उपेक्षा
शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि सुनील जाखड़ हाईकमान से नाराज चल रहे थे। नाराजगी की वजह उन्हें नजरअंदाज कर रवनीत सिंह बिट्टू को मंत्री बनाना बताया जा रहा है। भाजपा ने बिट्टू को राजस्थान से राज्यसभा भेजा है।
2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पंजाब भाजपा में बड़ा बदलाव हुआ था। पार्टी ने पूर्व कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ को प्रदेश अध्यक्ष बनाया। जाखड़ ने पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद मई 2022 में भाजपा का दामन थाम लिया था।
सुनील जाखड़ का राजनीतिक सफर
सुनील जाखड़ तीन बार विधायक और एक बार सांसद भी रह चुके हैं। वह पहली बार 2002 में अबोहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। जहां एक दर्जन गांवों में जाखड़ जाति की अच्छी खासी आबादी है। 2007 और 2012 में वह अबोहर से फिर विधानसभा चुनाव जीते।
इसके बाद वह गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव जीतकर सांसद भी बने। सुनील जाखड़ 2017 से 2021 के बीच पंजाब में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भी रहे हैं लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव से छह महीने पहले उनकी जगह नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष बना दिया गया था।
पंजाब में जाखड़ का अच्छा राजनीतिक तजुर्बा है। हिंदू और जाट समाज में उनकी अच्छी पकड़ है। सुनील जाखड़ के पास पंजाब की राजनीति में बेहतरीन अनुभव के साथ-साथ गांव और शहर में अच्छी पैठ भी है। हर विधानसभा में उनका अपना एक काडर है।