बहराइच। बहराइच हिंसा के चौथे दिन बुधवार को अघोषित कर्फ्यू जैसे हालात रहे। दुकानें खुली लेकिन इक्का-दुक्का ग्राहक ही नजर आए। चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मियों के चेहरे पर बीते दिनों की अपेक्षा तनाव कम दिखा। चार दिन बीत जाने के बाद भी जगह-जगह फोर्स की तैनाती और अधिकारियों के काफिले के आने-जाने का दौर जारी रहा।
चाट व्यापारी संदीप ने बताया कि दुकान खुली है, लेकिन ग्राहक नहीं आ रहे हैं। अभी भी लोगों के अंदर डर व दहशत बनी हुई है। लोग घर से निकलने में कतरा रहे हैं। घटना स्थल महराजगंज में चौथे दिन सारी दुकानें बंद रहीं।
इंडियन बैंक के सामने एक बरामदे में ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक अरुण सिंह, जिला विकास अधिकारी राजकुमार व उपायुक्त एनआरएलएम दीपक सिंह के साथ हालात पर नजर बनाए हुए थे। पूछने पर बताया कि स्थिति पूरी तरह सामान्य है। हालांकि चारों ओर पसरा सन्नाटा अघोषित कर्फ्यू जैसे हालात की स्थिति बयां कर रहा था।
यहां मोबाइल शाप के संचालक दीपक ने बताया कि विसर्जन के दिन हर बार दुकानें बंद रहती हैं। अगर दुकानें खुली रहती तो काफी नुकसान हो जाता। महराजगंज में घर के बाहर बैठे किराना व्यवसायी केशव प्रसाद शुक्ल ने कहा कि तीन दिन से दुकान बंद है। हालात सही होने का इंतजार किया जा रहा है। इन्ही के एक घर बाद आरोपित का घर है। उसके घर के बाहर फोर्स तैनात दिखी। उसके चारों ओर भी सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस के जवान मुस्तैद दिखे।
एडीजी व कमिश्नर रहे सक्रिय
बुधवार की दोपहर राजी चौराहे पर गोरखपुर जोन के एडीजी डा. केएस प्रताप व मंडलायुक्त शशिभूषण लाल सुशील का काफिला गुजरा, जो महसी तहसील में जाकर रुका। यहां पर डीएम मोनिका रानी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। यहां पर अधिकारियों ने बैठक कर आपस में चर्चा की। उसके बाद डीएम निकल गईं।