Hush Money मामले में ट्रंप को सजा भी राहत भी, शपथ लेने का रास्ता हुआ साफ

न्यूयार्क। चुप रहने के लिए पोर्न स्टार को धन देने के मामले में निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को राहत मिल गई है। मैनहटन ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश जुआन एम मर्चन ने उन्हें मामले में दोषी तो ठहराया है लेकिन कारावास या अर्थदंड की सजा नहीं दी है। इससे 20 जनवरी को ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने का रास्ता साफ हो गया है।

पोर्न स्टार को दिए थे पैसे

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रंप से संबंधित मामले में सजा के एलान पर रोक लगाने से इन्कार के बाद ट्रायल कोर्ट ने अपना आदेश सुनाया। बता दें कि पोर्न स्टार स्टार्मी डेनियल्स को 2006 में रहे यौन संबंधों पर चुप रहने के एवज में 1,30,000 डालर की धनराशि देने के लिए ट्रंप को दोषी माना गया है।

कोर्ट ने किया था दोषी करार

ट्रंप ने यह धनराशि 2016 में राष्ट्रपति चुनाव से पहले दी थी। इस चुनाव में ट्रंप निर्वाचित हुए थे और अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे। ट्रायल कोर्ट के ताजा आदेश के बाद ट्रंप अब न्यायालय से दोषी के रूप में सजा पाए अमेरिका के पहले पूर्व राष्ट्रपति बन गए हैं और राष्ट्रपति पद पर आसीन होने वाले पहले व्यक्ति भी होंगे। वैसे न्यायाधीश मर्चन दोषी ठहराए जाने के बाद ट्रंप को चार वर्ष के कारावास की सजा दे सकते थे लेकिन कोर्ट ने निर्वाचित राष्ट्रपति को राहत दी।

ट्रंप ने कहा- राजनीति से प्रेरित हैं मामले

ट्रायल कोर्ट का फैसला आने के बाद निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, उनके खिलाफ चलाए जा रहे मामले राजनीति से प्रेरित हैं। उन्हें गलत तरीके से धन देने और अन्य मामलों के चलते बहुत बुरे अनुभव हुए हैं।

यह है मामला

ट्रंप पर पोर्न स्टार Stormy Daniels का आरोप था कि डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2006 में उनसे यौन संबंध बनाए थे। स्टॉर्मी ने आरोप लगाया था कि ट्रंप ने उन्हें रात में रूम पर खाने के लिए बुलाया था। जब वो वहां पहुंची तो ट्रंप ने उनके साथ संबंध बनाए और टीवी शो भी दिलाने की बात कही।

Stormy Daniels ने ये भी आरोप लगाया था कि ट्रंप ने चुनाव में बदनामी न हो इसके लिए उन्हें चुप रहने के लिए पैसे दिए थे। आरोप है कि ट्रंप ने इसके लिए 1 करोड़ रुपये अवैध तरीके से दिए थे।

अवैध तरीके से दिए थे पैसे

ट्रंप ने पैसे देने के लिए अवैध तरीका अपनाया था। ट्रंप ने अपनी कंपनी के रिकॉर्ड में इस भुगतान को किसी वकील को देने की बात दिखाई थी। इसके बाद मैनहट्टन की अदालत ने जांच में पाया कि ट्रंप ने ये चीजें छुपाने के लिए रिकॉर्डों में हेराफेरी की थी। इसी के चलते ट्रंप को मामले में दोषी ठहराया गया और अब उन्हें सजा सुनाई जाएगी।

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