किसानों का आज दिल्ली कूच रद्द, 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च; हरियाणा की खापें भी लेंगी भाग

पटियाला/हिसार। केंद्र सरकार से बातचीत का न्योता मिलने के बाद आज 21 जनवरी को किसानों का दिल्ली कूच रद्द कर दिया गया है, लेकिन 26 जनवरी का ट्रैक्टर मार्च तय कार्यक्रम के तहत किया जाएगा। भाजपा विधायकों, मंत्रियों के घरों व कार्यालयों के सामने ट्रैक्टर खड़े किए जाएंगे।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर मार्च दोपहर 12 से डेढ़ बजे तक किया जाएगा। बड़े कॉर्पोरेट घरानों के शॉपिंग मॉल और गोडाउन के सामने भी ट्रैक्टर खड़े कर विरोध जताया जाएगा।

इसके अलावा उन्होंने जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत का हवाला देते हुए केंद्र सरकार से मांग की है कि 14 फरवरी को होने वाली बैठक जल्दी बुलाई जाए। साथ ही उसे चंडीगढ़ के बजाय दिल्ली में किया जाए क्योंकि यह मांगें देशभर के किसानों की हैं।

पंधेर ने कहा कि डल्लेवाल का इलाज शुरू हो चुका है। वे इस आंदोलन के बड़े नेता हैं और मांगों को पूरा करवाने के लिए उनके तगड़े होने की सख्त जरूरत है। इसलिए वे डल्लेवाल से अलील करते हैं कि वह डॉक्टर स्वयमान सिंह खैरा की राय के तहत अच्छा पोषक आहार लें और जल्द स्वस्थ हों।

इस मौके पर किसान नेता मनजीत सिंह राय, जसविंदर सिंह लोंगोवाल, तेजवीर सिंह पंजोखरा साहिब, जंग सिंह, बलवंत सिंह बेहरामके, मलकीत सिंह गुलामीवाला, सुरजीत सिंह फूल, बलकार सिंह बैंस, गुरअमनीत सिंह मांगट, साब सिंह मौजूद रहे।

किसानों को एकजुट करने का प्रयास जारी

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के साथ एकता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि लगातार प्रयास जारी हैं, उनकी जत्थेबंदी अधिकतम एकता के लिए लोगों की आवाज के अनुसार वचनबद्ध है। पूरी उम्मीद है कि 24 जनवरी को एसकेएम की राष्ट्रीय मीटिंग में समूची एकता का फैसला लिया जाएगा।

गौरतलब है कि 18 जनवरी को SKM (गैर राजनीतिक) व SKM के बीच पातड़ां में बैठक हुई थी। करीब डेढ़ घंटे बैठक चली थी, बावजूद इसके किसान नेताओं में आपसी एकता को लेकर सहमति नहीं बन सकी थी।

ट्रैक्टर मार्च में हरियाणा की खापें भी भाग लेंगी

हरियाणा की विभिन्न खापों की चुनी हुई कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया कि आंदोलन को एकसूत्र में बांधने के लिए 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च में हिस्सा लेंगे।

खापों ने एलान किया कि किसानों की मांगे पूरी नहीं होने पर 14 फरवरी के बाद पूरे देश में बड़ा आंदोलन होगा। केंद्र सरकार समय रहते किसानों की प्रस्तावित मांगें पूरी करे।

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