लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज महाकुंभ में मंगलवार देर रात हुए भगदड़ की जांच तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग से कराने का आदेश दिया है। साथ ही, मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का एलान किया। हादसे में 30 लोगों की मौत हुई है।
उन्होंने घटना के कारणों का पता लगाने के लिए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह व डीजीपी प्रशांत कुमार को बृहस्पतिवार को प्रयागराज जाने का निर्देश दिया है। दोनों अधिकारी अपनी रिपोर्ट सीएम को सौंपेंगे।
भावुक हुए सीएम योगी
हादसे के जानकारी मीडिया को देते समय भावुक हुए सीएम योगी ने कहा कि हमने पहले से इतने श्रद्धालुओं के आने के बारे में रणनीति बनाई थी। एहतियात के तौर पर मंगलवार को कई विभागों के प्रमुख सचिव भी प्रयागराज भेजे थे।
कल शाम 7 बजे से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज जाकर स्नान कर रहे थे और तमाम ब्रह्म मुहूर्त का इंतजार कर रहे थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा इसी दौरान अखाड़ा मार्ग स्थित संगम तट पर हुआ, जिसमें 90 से ज्यादा लोग गंभीर या सामान्य घायल हो गए।
यह हादसा भारी भीड़ के द्वारा अखाड़ा मार्ग के बैरिकेडिंग तोड़ने और उससे कूदकर जाने से हुआ, जिसमें 30 लोगों की दुखद मृत्यु हुई है और 36 घायलों का इलाज जारी है। घटना दुखद और मर्माहत करने वाली है।
हम रात से ही मेला प्राधिकरण, प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के संपर्क में हैं। जितनी भी व्यवस्थाएं हो सकती थीं, उन सबको वहां तैनात किया गया था। हादसे के तुरंत बाद राहत कार्य शुरू कर दिए और सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। दुर्भाग्य से इस दौरान जो घटनाएं हुईं, उन पर प्रश्न उठना स्वाभाविक है।
महाकुंभ का मुख्य स्नान होने की वजह से प्रयागराज में दबाव बहुत ज्यादा था। सभी मार्ग चोक थे। हादसे के बाद वहां अखाड़ों ने अमृत स्नान ब्रह्म मुहूर्त की जगह अपराह्न में शुरू किया। सभी अखाड़ों और संस्थाओं ने इसमें पूरा सहयोग किया।
प्रयागराज में 8 करोड़ श्रद्धालुओं का दबाव था। आसपास के जिलों में भी होल्डिंग एरिया बनाकर लोगों को रोका गया था, जिन्हें अखाड़ों का स्नान संपन्न होने के बाद जाने दिया जा रहा है।
कई मेला स्पेशल ट्रेनें चलाईं, जिनकी संख्या 300 से अधिक थी। आठ हजार से अधिक बसें चल रही हैं। पीएम समेत तमाम केंद्रीय मंत्रियों का सहयोग भी हमें मिलता रहा। सीएम ने इस दुखद घटना में मृत लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की और परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
घटना सबक लेने वाली
सीएम ने कहा कि ये घटना सबक लेने वाली भी है, लिहाजा इसकी न्यायिक जांच कराई जाएगी। ताकि पता लगाया जा सके कि आखिर इतनी सतर्कता के बाद हादसा कैसे हुआ। सीएम के आदेश पर गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने न्यायिक आयोग के गठन की अधिसूचना जारी कर दी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार के नेतृत्व में न्यायिक आयोग गठित किया गया है, जिसमें सेवानिवृत्त आईपीएस वीके गुप्ता (पूर्व डीजी) और सेवानिवृत्त आईएएस दिनेश कुमार सिंह सदस्य बनाए गए हैं।
आयोग घटना के कारणों एवं परिस्थितियों का पता लगाएगा, जिनकी वजह से घटना हुई। इसके अलावा भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए अपने सुझाव भी देगा।
आयोग एक माह में अपनी रिपोर्ट देगा। इसके अलावा पुलिस के स्तर से भी अलग जांच होगी ताकि हादसे के कारणों का पता लगाकर आगामी स्नानों की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके।