
नई दिल्ली। IDBI बैंक की रणनीतिक बिक्री अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है। एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने शेयर खरीद समझौते पर चर्चा की है, जो वित्तीय बोली लगाने वाले बोलीदाताओं को दिया जाएगा। IDBI बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया पिछले तीन साल से चल रही है।
सरकार ने अक्टूबर, 2022 में सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलाईसी के साथ मिलकर IDBI बैंक के निजीकरण के लिए निवेशकों से कुल 60.72 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने को रुचि पत्र (EOI) मांगे थे।
इसमें भारत सरकार की 30.48 प्रतिशत और LIC की 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है। अधिकारी ने बताया कि डेटा रूम के लिए उचित प्रक्रिया अभी चल रही है और सरकार जल्द ही वित्तीय बोलियां आमंत्रित करेगी।
उन्होंने कहा कि IDBI बैंक में रणनीतिक हिस्सेदारी की बिक्री अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है। अक्टूबर, 2022 में रुचि पत्र आमंत्रित करने के बाद जनवरी, 2023 में निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) को IDBI बैंक के लिए कई रुचि पत्र प्राप्त हुए।
दूसरा बड़ा इनिशिएटिव
IDBI बैंक के संभावित खरीदार को गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा पहले ही सुरक्षा मंजूरी प्रदान कर दी गई है और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा उपयुक्त और उचित मूल्यांकन को मंजूरी दे दी गई है।
सरकार के लिए एयर इंडिया की बिक्री के बाद यह सबसे बड़ा निजीकरण इनिशिएटिव होगा।
वित्त वर्ष 2025 में सरकार को DIPAM से कुल 68,263 करोड़ रुपये मिले जिसमें विनिवेश से प्राप्त 8,625 करोड़ रुपये शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में विनिवेश और एसेट मॉनेटाइजेशन से 47,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है।