
लंदन। भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने आईसीसी को टेस्ट क्रिकेट से छेड़छाड़ नहीं करने की सलाह दी है। भारतीय टीम ने सोमवार को इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में छह रन से रोमांचक जीत दर्ज की।
इसके बाद गिल ने इस प्रारूप पर बात की। दरअसल, फ्रेंचाइजी क्रिकेट और टी20 लीग के आने के बाद से टेस्ट क्रिकेट पर खतरे की बात की जा रही है, लेकिन भारत-इंग्लैंड सीरीज के पांचों मैच पांचवें दिन तक चले और रोमांचक बने रहे।
गिल ने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर टेस्ट मैच चार दिवसीय होते तो इस सीरीज के चार मैच ड्रॉ पर समाप्त होते।
गिल ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मेरे विचार से टेस्ट क्रिकेट जैसा है वैसा ही रहना चाहिए क्योंकि यह सबसे फायदेमंद और संतोषजनक प्रारूप है।
इसमें जीत हासिल करने के लिए आपको सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और इस प्रारूप की सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपको हमेशा दूसरा मौका देता है, जो किसी अन्य प्रारूप में संभव नहीं है।
आप अगर कड़ी मेहनत और सही दिशा में काम करते रहेंगे तो आपके पास हमेशा दूसरा मौका होगा। मुझे नहीं लगता कि इस प्रारूप में कोई बदलाव किया जाना चाहिए।’
गिल ने यह भी कहा कि जो जुझारूपन भारतीय खिलाड़ियों ने दिखाया है, वही उनकी टीम की पहचान है। रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास के बाद और मोहम्मद शमी जैसे सीनियर खिलाड़ी की अनुपस्थिति में गिल और उनकी टीम के लिए यह एक बड़ी सीरीज थी।
यहां तक कि जसप्रीत बुमराह भी सभी मैचों के लिए उपलब्ध नहीं थे जिससे टीम को हर मैच में गेंदबाजी संयोजन बदलना पड़ा।
गिल ने कहा, ‘सोमवार सुबह हमने जो किया उससे पता चलता है कि यह टीम क्या है। 70 के आसपास रन, सात विकेट हाथ में (चौथे दिन)।
ब्रुक और रूट जिस तरह से खेल रहे थे दुनिया की अधिकतर टीमें खुद को मौका नहीं देतीं। लेकिन इस टीम का मानना है कि जब भी हमें कोई मौका मिलता है जो हम उस पर आगे बढ़ते हैं।
और ब्रुक के आउट होने के बाद हम यही बात कर रहे थे और फिर हमें बेथेल का शुरुआती विकेट मिल गया, यह हमारा मौका था, आइए उन पर दबाव बनाने की कोशिश करें।’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘लेकिन जब आपके पास सिराज जैसा गेंदबाज हो तो कप्तान के तौर पर आपका काम बहुत आसान हो जाता है।
आप बस मैदान पर खड़े होते हैं और आप बस उनकी गेंदबाजी की सराहना करना चाहते हैं।’ इस सीरीज से गिल एक बल्लेबाज और कप्तान के रूप में भी निखरे।
उन्होंने कहा, ‘ऐसे कई पल आते हैं जब आपको लगता है कि यह सफर सार्थक है, वह पल जो हमने सुबह देखा था। कई उतार-चढ़ाव आए और यह अपेक्षित भी है, खासकर खेलों में।
उन्होंने कहा, ‘जाहिर है कि हर मैच या हर बार जब आप बल्लेबाजी करने जाते हैं तो आप अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं, आप शतक बनाना चाहते हैं।
लेकिन दुर्भाग्य से खेल या जीवन ऐसे नहीं चलता। आपको जीवन के उतार-चढ़ाव से पार पाना चाहिए और हर समय संतुलित रहने की कोशिश करनी चाहिए।’