‘भारत-रूस के संबंधों को तोड़ने के प्रयास होंगे विफल’, टैरिफ युद्ध के बीच मॉस्को का बयान

मॉस्को। रूस से तेल खरीदने और यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित करने का आरोप लगाकर अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। इतना ही नहीं अमेरिका द्वारा जी7 देशों पर भी दबाव बनाया जा रहा है कि वे रूस से तेल खरीदने के लिए भारत के सामान पर भारी-भरकम टैरिफ लगाएं।

इसे लेकर रूस ने बयान जारी किया है और कहा है कि भारत और रूस के संबंध समय की कसौटी पर खरे उतर चुके हैं और लगातार आगे बढ़ रहे हैं। रूस ने चेतावनी दी कि दोनों देशों को संबंधों को तोड़ने की हर कोशिश विफल होगी।

रूसी विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान

रूस के विदेश मंत्रालय से मीडिया ने सवाल किया कि अमेरिका और पश्चिमी देशों का भारत पर टैरिफ दबाव बढ़ता जा रहा है। इसके जवाब में रूसी विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के टैरिफ दबाव के बावजूद भारत के अडिग रुख की तारीफ की।

रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का यह रुख भारत-रूस की दोस्ती की उस भावना और परंपरा में निहित है, जो अंतरराष्ट्रीय मामलों में रणनीतिक स्वायतत्ता को प्रदर्शित करता है। 

मॉस्को ने कहा कि भारत-रूस की साझेदारी संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों की सर्वोच्चता को प्राथमिकता देती है। दोनों देशों के संबंध विश्वसनीय, पूर्वानुमानित और रणनीतिक प्रकृति के हैं।

भारत और रूस नागरिक और सैन्य उत्पादन, मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन, परमाणु ऊर्जा और रूसी तेल अन्वेषण जैसी संयुक्त परियोजनाओं में मिलकर काम कर रहे हैं।

रूसी मंत्रालय ने नई भुगतान प्रणालियों के विकास, राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग बढ़ाने और वैकल्पिक परिवहन एवं रसद मार्गों को बेहतर बनाने के लिए प्रयासों पर भी जोर दिया।

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