दुकान-रास्ते, इंटरनेट सब; पाक सरकार के खिलाफ फूटा POK के लोगों का गुस्सा

इस्लामाबाद/मुजफ्फराबाद। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में बड़ा विरोध प्रदर्शन हो रहा है। अवामी एक्शन कमेटी (AAC) ने सोमवार को पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों की शुरुआत कर दी। बंद और चक्का जाम हड़ताल के आह्वान ने तनाव बढ़ दिया है।

इस्लामाबाद ने भीड़ को रोकने के लिए भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की है। आधी रात से ही इंटरनेट बंद कर दिया गया है। पीओके में हाल के वर्षों में पाकिस्तान के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। दशकों से हाशिए पर पड़े यहां के लोग अब पाकिस्तान के अत्याचार सहने को तैयार नहीं हैं।

फूट रहा 70 साल का गुस्सा

मुजफ्फराबाद में भीड़ को संबोधित करते हुए AAC के एक प्रमुख नेता शौकत नवाज मीर ने कहा, हमारा अभियान किसी संस्था के खिलाफ नहीं, बल्कि उन मौलिक अधिकारों के लिए है जो 70 सालों से हमारे लोगों को नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि ‘बस बहुत हो गया। या तो अधिकार दिलाओ या जनता के गुस्से का सामना करो।’

पाकिस्तान ने तैनात किए हजारों जवान

वहीं, प्रदर्शनों से निपटने के लिए इस्लामाबाद पूरी ताकत से बल प्रयोग की तैयारी कर रहा है। भारी हथियारों से लैस पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने पीओके के प्रमुख शहरों में फ्लैग मार्च किया। पंजाब से हजारों सैनिकों को तैनात किया गया है।

शनिवार और रविवार को पुलिस ने प्रमुख शहरों के प्रवेश और निकास मार्गों को सील कर दिया। वहीं, सुरक्षा बलों को मजबूत करने के लिए पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से 1000 अतिरिक्त सैनिक भेजे गए हैं।

POK में बढ़ रहा पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा

हाल के महीनों में अवामी एक्शन कमेटी को यहां खूब लोकप्रियता मिली है, जिसने हजारों लोगों को अपने बैनर तले एकजुट किया है। समूह ने 38-सूत्रीय सुधारों की मांग को लेकर चार्टर जारी किया है, जिसमें पाकिस्तान में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों के लिए POK विधानसभा में मौजूद 12 विधायी सीटों को समाप्त करना प्रमुख है।

स्थानीय लोगों का तर्क है कि इसके बहाने पाकिस्तान अपने लोगों को उनके ऊपर थोपता है। इसके अलावा POK की जनता बढ़ती महंगाई से त्रस्त है। आटा से लेकर बिजली की दरें तक आसमान छू रही हैं।

स्थानीय लोग अब भारतीय कश्मीर में मिलने वाली सुविधाओं से तुलना करने लगे हैं और अपनी खराब हालत के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराते हैं। इसके पहले AAC वार्ताकारों, POK प्रशासन और पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्रियों के बीच 13 घंटे की मैराथन वार्ता विफल हो गई थी। इसके बाद कमेटी बंद का ऐलान किया।

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