रायबरेली। समाजवादी पार्टी में वापसी के बाद राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए शिवपाल यादव ने आक्रामक तेवर के साथ भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। पिछले दिनों रामचरितमानस विवाद पर मचे संग्राम के बीच अखिलेश यादव को लखनऊ में काले झंडे दिखाए गए थे। हिंदूवादी संगठनों की ओर से काले झंडे दिखाए जाने के बाद पहले अखिलेश ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा था।
अब इस मामले पर शिवपाल यादव ने रायबरेली में करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आप शुद्र वाले बयान की बात करते हैं। रामचरितमानस की बात करते हैं लेकिन, अखिलेश यादव को काले झंडे क्यों दिखाए गए?
चेतावनी देने के अंदाज में उन्होंने कहा कि समाजवादियों का पुराना इतिहास जानते हैं? अगर हमने काले झंडे दिखाने शुरू किए तो फिर कहीं इनका कोई भी मंत्री घुस नहीं पाएगा। हम अपनी पर आ गए तो क्षेत्र में जाना मुश्किल होगा।
दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य के श्रीरामचरितमानस पर आए बयान पर घमासान मचा हुआ है। दूसरी तरफ, पार्टी में उन्हें प्रमोट करके राष्ट्रीय महासचिव बना दिया गया है। शिवपाल यादव को भी राष्ट्रीय महासचिव का पद दिया गया है। इसी मसले पर मीडिया के एक सवाल के जवाब के क्रम में उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा।
रामचरितमानस विवाद पर बोले शिवपाल
शिवपाल यादव ने श्रीरामचरितमानस विवाद पर भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि हम हर धर्म का सम्मान करते हैं। सभी धर्मग्रंथों का सम्मान करते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य का यह निजी बयान हो सकता है। उनका बयान पार्टी का आधिकारिक बयान नहीं था।
हालांकि, पार्टी में स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद बने दो गुटों से संबंधित सवालों को शिवपाल टाल गए। उन्होंने भाजपा को ही निशाने पर रखा। रायबरेली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अखिलेश को काले झंडे दिखाने के मसले पर क्यों नहीं बात कर रहे हैं।
हम राम-कृष्ण के आदर्शों को मानने वाले
रामचरितमानस और ब्राह्मण से लेकर शुद्र तक की राजनीति मसले पर शिवपाल यादव ने साफ शब्दों में कहा कि वह बयान स्वामी प्रसाद मौर्य का था। हम लोग सभी ग्रंथों को मानने वाले हैं। भगवान राम के आदर्शों पर चल रहे हैं। भगवान कृष्ण के आदर्शों को मानने वाले हैं।
शिवपाल ने कहा कि जितने भी भगवान के रूप हैं, हम सब को मानते हैं। मामले को पलटते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि अखिलेश यादव जब एक धार्मिक कार्यक्रम में गए तो उन्हें काले झंडे क्यों दिखाए गए? नारेबाजी क्यों की गई?
स्वामी प्रसाद मौर्य के बराबर का पद दिए जाने के मसले पर शिवपाल यादव ने कहा कि वह नेता तो हैं ही। उनके विचार कुछ भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि आप लोग यहां कई अलग-अलग विचारों के हो। हमसे कोई भी सवाल कर सकते हो, लेकिन हम तो आप सबको एक ही मानते हैं।