इस्लामाबाद। पाकिस्तान के आर्थिक हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार कमी हो रही है जो अब 9 साल के अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है। आम जनता की कमर बढ़ती महंगाई से टूट रही है। रोजमर्रा की जरूरत की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं।
इन सबके बीच पाकिस्तान सरकार की सबसे बड़ी उम्मीद को भी तगड़ा झटका लगा है। उसकी IMF (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) के साथ बेलआउट पैकेज को लेकर चल रही बातचीत असफल हो गई है। पाकिस्तान आया आईएमएफ का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को वापस वॉशिंगटन लौट गया।
इस प्रतिनिधिमंडल और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच आईएमएफ द्वारा पास 1.1 बिलियन डॉलर के कर्ज को जारी करने के लिए 10 दिन बातचीत चली। इसके बाद भी आईएमएफ के समझौते पर हस्ताक्षर के बिना ही वापस लौट गए।
हालांकि, पाकिस्तान अभी भी आईएमएफ से कर्ज मिलने की उम्मीद कर रहा है। पाकिस्तानी दल का नेतृत्व कर रहे पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को कहा कि दोनों पक्ष सोमवार से वर्चुअल मोड में वार्ता फिर से शुरू करेंगे।
वार्ता असफल होने के क्या हैं मायने?
पाकिस्तान को दिवालिया होने से बचाने के लिए आईएमएफ का बेलआउट पैकेज काफी अहम है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तीन अरब डॉलर से भी कम रह गया है। राजस्व विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 2.917 बिलियन डॉलर रह गया। उसे आर्थिक रूप से धराशायी होने से बचने के लिए इस समय वित्तीय मदद और आईएमएफ से राहत पैकेज की बहुत ज्यादा जरूरत है।
आईएमएफ के बेल आउट पैकेज के लिए जारी वार्ता की विफलता पाकिस्तान के लिए कई और मुसीबतें लाएगी। सबसे ज्यादा प्रभाव आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता पर पड़ेगा। पाकिस्तान अपने दैनिक उपयोग की अधिकांश चीजों का आयात करता है। इसमें पेट्रोलियम, गैस, दवाएं, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, वाहन, मशीनरी और यहां तक कि खाद्य पदार्थ भी शामिल हैं। बकाये का भुगतान न करने की स्थिति में इन सामानों की उपलब्धता बाधित होगी जिससे पाकिस्तान के आम लोगों का जीवन प्रभावित होगा।
देश की महंगाई दर 48 साल के उच्चतम स्तर पर है। विदेशी मुद्रा भंडार एक महीने से कम के आयात को कवर करता है। जनवरी 2023 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में 27.6% की वृद्धि हुई। इसी अवधि में थोक मूल्य सूचकांक बढ़कर 28.5% हो गया।
आसमान छू रहीं हैं कीमतें
बढ़ती मुद्रास्फीति के दबाव के कारण आवश्यक वस्तुओं जैसे गेहूं, प्याज, गैस सिलेंडर आदि की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई। जनवरी के अंत में पाकिस्तान में पेट्रोल और डीजल के दामों में भी इजाफा हुआ। सरकार ने कीमतें बढ़ाकर 262 रुपये प्रति लीटर कर दीं।
जनवरी 2022 में 20 किलो गेहूं के आटे के बैग की औसत कीमत पाकिस्तानी रुपया (PKR) 1,164.8 थी। यह जनवरी 2023 में 50% की वृद्धि के साथ PKR 1,736.5 तक पहुंच गया। बढ़ती मुद्रास्फीति के दबाव ने गेहूं, प्याज, दूध और अंडे जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को बढ़ा दिया है। इसी तरह, एक साल की अवधि में एक किलो प्याज की कीमत 39.4 पाकिस्तानी रुपये से बढ़कर 231 पाकिस्तानी रुपये हो गई।
पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़ी आबादी वाले शहर लाहौर में पिछले 24 घंटों के दौरान ही फल और सब्जियों के दाम में भारी बढ़ोतरी हुई है। यहां कई फलों और सब्जियों के प्रति क्विंटल दाम में 1000 से 2500 पाकिस्तानी रुपया बढ़ा है।