शिमला। हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर संकट के बाद मंडरा रहे हैं। पूर्व CM व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भाजपा विधायक दल के साथ राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की और सदन में वित्तीय बजट के लिए मत विभाजन की मांग की। जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल से मिलकर हमने मौजूदा घटनाक्रम की जानकारी दी। इस सरकार को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।
जयराम ठाकुर ने कहा, ‘पिछले कुछ समय से विधानसभा में जो घटनाक्रम चल रहा है उसकी जानकारी हमने राज्यपाल को दी है। राज्यसभा चुनाव में जो परिणाम आया, जो वर्तमान स्थिति है उसे देखें तो कांग्रेस को सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है। कांग्रेस हमारी वजह से नहीं, अपनी वजह से संकट में है।’
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हाल ही में हिमाचल प्रदेश में जो घटनाक्रम हुआ है, उसके राजनीतिक दृष्टिकोण से यह कहा जा सकता है कि राज्य सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है। हमें आशंका है कि वे भाजपा के विधायकों को विधानसभा में सस्पेंड कर सकते हैं। कल कांग्रेस के जिन विधायकों ने भाजपा को वोट दिया उन्हें नोटिस जारी हुआ है और उन्हें भी विधानसभा में सस्पेंड करने की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं।
नैतिकता के आधार पर पद छोड़ें मुख्यमंत्री : जयराम
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को नैतिकता के आधार पर पद छोड़ देना चाहिए। हमने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की कि कटौती प्रस्ताव भी डिवीजन ऑफ वोट से होना चाहिए। जब भी फाइनेंशियल बिल पारित हो तो फ्लोर टेस्ट हो और बजट पारित करने के लिए डिवीजन ऑफ वोट होना चाहिए।
एक हफ्ते या एक महीने के अंदर प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिर जाएगी : हर्ष महाजन
उधर, हर्ष महाजन ने अपनी जीत के बाद कहा कि कांग्रेस की सरकार बहुमत खो चुकी है। अगर शर्म है तो सीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि राज्य में कांग्रेस की सरकार गिरेगी और भाजपा की सरकार बनेगी। एक हफ्ते या एक महीने के अंदर प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिर जाएगी। महाजन ने अपनी जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को दिया।