इजरायल-हिजबुल्लाह में सीजफायर, जानें US ने किन शर्तों पर कराया है युद्ध विराम

तेल अवीव। इजरायल और लेबनानी चरमपंथी गुट हिजबुल्लाह के बीच अमेरिका की मध्यस्थता से हुए युद्ध विराम समझौते पर अमल शुरू हो गया है। हिजबुल्लाह नेताओं ने भी इस समझौते पर शुरुआती समर्थन जता दिया है।

इससे दोनों पक्षों के लिए संघर्ष से बाहर निकलने का रास्ता दिखा है और लेबनान में शांति आने की उम्मीद बंधी है। इस जंग में इजरायल की बमबारी से बड़ी तादाद में लेबानानी लोगों का जानमाल का नुकसान हुआ है। इजरायल में भी करीब 50 हजार लोग जंग के चलते विस्थापित हैं।

हालांकि, इस समझौते से गाजा में हमास के खिलाफ इजराइल के युद्ध पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जिसके खत्म होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। दोनों के बीच कई मुद्दों पर डील हुई है।

हिजबुल्लाह और लेबनान में हुए सीजफायर की शर्तों की बात की जाए तो इस समझौते में 60 दिनों के युद्ध विराम किया गया है। इसके तहत इजरायली सैनिक लेबनान से वापसी करेंगे।

वहीं हिजबुल्लाह लड़ाके भी दक्षिणी लेबनान में इजरायली सीमा से पीछे हटेंगे। इजरायल ने इस बात पर जोर दिया है कि हिजबुल्लाह समझौते का उल्लंघन करता है तो उसे हमले का अधिकार होगा। लेबनान की ओर से इस प्रावधान पर कड़ा विरोध जताया गया है।

सीमा पर तैनात होंगे यूएन सैनिक

आज बुधवार से लागू हो रहे इस समझौते में लितानी नदी के दक्षिण में लेबनानी और यूएन शांति सैनिकों की तैनाती का प्रावधान है। साथ ही अमेरिका के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय निगरानी समूह इस पर नजर रखेगा कि दोनों पक्ष समझौते की शर्तों का ईमानदारी से पालन करें।

हिजबुल्लाह की ओर से कहा गया है कि इस समझौते के लिए उसका समर्थन इस आश्वासन पर निर्भर करता है कि इजरायल अपने हमले फिर से शुरू नहीं करेगा।

हिजबुल्लाह की राजनीतिक परिषद के उपाध्यक्ष महमूद कमाती ने न्यूज़ चैनल अल जजीरा से कहा, ‘इस समझौते की समीक्षा करने के बाद हम देखेंगे कि क्या हमारी बातों और लेबनानी अधिकारियों की ओर से कही गई बातों के बीच कोई मेल है। हम निश्चित रूप से आक्रामकता का अंत चाहते हैं लेकिन ये लेबनान की संप्रभुता की कीमत पर नहीं होगा।’

अमेरिका, ब्रिटेन ने किया स्वागत

अमेरिका ने इस समझौते का स्वागत करते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य शत्रुता का स्थायी अंत करना है। बाइडन ने कहा, ‘मैंने इजरायल और लेबनान के प्रधानमंत्रियों से बात की है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दोनों ने संघर्ष रोकने के अमेरिका के प्रस्ताव को मान लिया है।’

ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर ने युद्ध विराम समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि हमें अब गाजा में युद्ध विराम समझौते, बंधकों की रिहाई और मानवीय सहायता पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।

एक्सपर्ट का कहना है कि इस समझौते के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं लेकिन अभी यह देखना बाकी है कि क्या यह युद्ध विराम टिकेगा। ये समझौता सफल रहा तो क्षेत्र में शांति का रास्ता खुल सकता है। हालांकि फिलिस्तीन में शांति के बिना ये संभव नहीं है। ऐसे में यह भी देखना होगा कि गाजा में चल रहे संघर्ष का क्या होता है।

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