संसद के चालू सत्र में इन महत्वपूर्ण बिलों पर होगी नजर, अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति; बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संसद के चालू शीतकालीन सत्र में आर्थिक विकास, आधुनिकीकरण, रोजगार सृजन और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई परिवर्तनकारी विधेयक पेश किए हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार ये विधायी प्रस्ताव तेल क्षेत्र, शिपिंग, रेलवे, विमानन और आपदा प्रबंधन को कवर करते हैं।

उदाहरण के लिए, ऑयलफील्ड्स (विनियमन और विकास) विधेयक, 2024, शब्दावली को आधुनिक बनाकर और अपरंपरागत हाइड्रोकार्बन अन्वेषण को खोलकर औपनिवेशिक प्रथाओं से एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।

मर्चेंट शिपिंग बिल से लेकर लैंडिंग बिल तक

इसी तरह, मर्चेंट शिपिंग बिल, 2024, लैडिंग बिल, 2024 के साथ, समुद्री कानूनों को सुव्यवस्थित करने, उन्हें अधिक कुशल बनाने और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

मर्चेंट शिपिंग बिल मामूली उल्लंघनों के लिए आपराधिक दंड को हटाता है, जो कम दंडात्मक, अधिक सहायक नियामक ढांचे की ओर बढ़ने का संकेत देता है।

इससे समुद्री क्षेत्र को बढ़ावा मिलना चाहिए और भारत की वैश्विक व्यापार क्षमताओं में वृद्धि होनी चाहिए। अपडेट नहीं हैं; इनका उद्देश्य भारत को वैश्विक मानकों के अनुरूप ढालना और विकास को बढ़ावा देना है।

एनर्जी सेक्टर में आत्मनिर्भरता

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को पुराने औपनिवेशिक कानूनों से मुक्त करने, ऊर्जा क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता और इनोवेशन को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण को दर्शाता है।

हालांकि शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह में विपक्ष के विरोध के कारण कोई कामकाज नहीं हुआ, लेकिन सरकारी सूत्रों को अगले सप्ताह से शुरू होने वाली सुचारू कार्यवाही के बारे में आशावादी हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये विधेयक विधायी बदलावों से कहीं बढ़कर हैं। ये “भारत के भविष्य का खाका” हैं। उन्होंने कहा कि इनका उद्देश्य औपनिवेशिक विरासतों को मिटाना, आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सशक्त बनाना, रोजगार सृजन को बढ़ावा देना और स्थायी प्रथाओं का संकल्प लेना है।

रोजगार के अवसर पैदा होंगे

रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 से कानूनी संरचनाओं को सरल बनाने और परिचालन दक्षता को बढ़ाने के माध्यम से इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने की उम्मीद है। इससे बुनियादी ढांचे और रखरखाव में रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं।

तटीय नौवहन विधेयक, 2024 रसद लागत को कम करके, भारतीय निर्यात को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाकर और नौवहन और संबंधित क्षेत्रों में रोजगार पैदा करके इसका पूरक है।

एयरोस्पेस हब के रूप में स्थापित करने का टारगेट

आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक में शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को शामिल किया गया है। यह स्थानीय प्रतिक्रिया प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इससे सुरक्षा बढ़ेगी और खतरे की निगरानी तथा इमरजेंसी सेवाओं में रोजगार का सृजन होगा। सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुयान विधेयक (विमान विधेयक) का उद्देश्य भारत को एयरोस्पेस हब के रूप में स्थापित करना है।

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