संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में बीते रविवार 24 नवंबर को भड़की हिंसा मामले की अब न्यायिक जांच होगी। रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच कमिटी का गठन किया गया है। कमिटी दो माह में जांच कर हिंसा मामले में अपनी रिपोर्ट देगी।
यूपी की योगी सरकार ने संभल में पिछले दिनों हुई हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। राज्य के गृह विभाग के आदेश के अनुसार, हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है।
देवेंद्र कुमार अरोड़ा समिति के दो अन्य सदस्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमित मोहन प्रसाद और पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन हैं। समिति को दो महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
समिति के गठन का आदेश उत्तर प्रदेश के गृह विभाग की ओर से गुरुवार को जारी किया गया। इससे पहले प्रशासनिक अधिकारियों से हिंसा मामले में सरकार ने रिपोर्ट मंगाई थी।
कोर्ट ने दिया था आदेश
संभल जिला कोर्ट ने जामा मस्जिद सर्वे से संबंधित आदेश 19 नवंबर को आया था। न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर जांच रिपोर्ट 29 नवंबर तक देने का आदेश दिया। रविवार को जांच के दौरान बवाल हो गया। इस मामले की अब न्यायिक जांच होगी।
इस मामले में सरकार की आर से जारी आदेश में कहा गया है कि न्यायालय की ओर से जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद में आदेशित सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हिंसक घटना हुई। आयोग चार बिंदुओं पर मामले की जांच करेगी।
गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि न्यायिक जांच कमिटी घटना की जांच करेगी। कमिटी यह जानने का प्रयास करेगी कि संभल हिंसा कोई पूर्व नियोजित षड्यंत्र थी अथवा एक सामान्य आपराधिक वारदात?
इसके कारण तमाम पुलिस कर्मी चोटिल हुए। चार व्यक्तियों की मौत हुई एवं संपत्ति का भी नुकसान हुआ। इसकी जनहित में जांच आवश्यक है। न्यायिक आयोग घटना के प्रमुख बिंदुओं पर गौर करेगी।
इसमें सुनियोजित षडयंत्र की जांच के अलावा प्रशासन, पुलिस की ओर से कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रबंध जैसे पहलुओं की जांच करेगी।
आयोग उन कारणों और हालातों की भी जांच की जाएगी, जिनके कारण यह घटना हुई। आयोग भविष्य में इस प्रकार की घटना को रोकने के लिए अपने सुझाव भी देगी।
जमीयत की ओर से परिजनों को मदद
संभल हिंसा को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से बड़ी बात सामने आई है। जमीयत के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने संभल हिंसा को अस्वीकार्य करार दिया है।
साथ ही, उन्होंने घोषणा की कि संभल हिंसा में मारे गए युवकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की मदद दिया गया है। घायलों के इलाज में भी मदद की जाएगी।