बरेली: बैकफुट पर आई भाजपा,चिट-फंड घोटाले में फंसे अपने नेता को हटाया

बरेली। सत्ता की चमक-दमक के बीच चिट-फंड कंपनी के जरिये करोड़ों की ठगी में फंसे भाजपा महानगर मंत्री सूर्यकांत मौर्य को पार्टी ने पद से हटा दिया है।

इसकी रिपोर्ट क्षेत्रीय और प्रदेश मुख्यालय भेज दी गई है।निवेशकों के बढ़ते आक्रोश पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पार्टी की ओर से कार्रवाई की गई है।

हालांकि प्राथमिक सदस्यता समाप्त करने और निष्कासन जैसी कार्रवाई अभी नहीं हुई है।

अमर ज्योति यूनिवर्सल निधि लिमिटेड के निदेशक शशिकांत मौर्य और उनके भाई भाजपा महानगर मंत्री सूर्यकांत मौर्य वर्षों से एक ही नाम से दो चिट फंड कंपनियों का संचालन कर रहे थे। सबसे ज्यादा पैसा बदायूं के निवेशकों का फंसा है।

निदेशकों के सत्ता से जुड़े होने के कारण सामान्य परिवारों के लोग ही नहीं सैकड़ों अधिवक्ताओं ने भी विश्वास जताया और इस उम्मीद में खुलकर निवेश करते रहे कि उन्हें अच्छा रिटर्न मिल सकेगा।

हजारों लोगों के करोड़ों रुपये लेकर कंपनी के भागने की जानकारी होते ही निवेशकों की नींद उड़ गई है।

निदेशक भाई सत्ताधारी पार्टी से जुड़े थे, इसलिए शुरूआत में कुछ बोलने से भी लोग डर रहे थे।

अधिवक्ताओं के सामने आ जाने से निवेशकों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सूर्यकांत मौर्य के घर का भी घेराव किया और प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई।

निवेशकों ने किया था हंगामा

सत्ताधारी पार्टी के पदाधिकारी के निवेशकों से करोड़ों की ठगी का मामला सामने आने पर विपक्षी भी हमलावर होने लगे हैं।

यह प्रकरण कई दिनों से चल रहा था, लेकिन भाजपा के जिम्मेदार तमाशबीन हुए थे। पार्टी के क्षेत्रीय और प्रदेश कार्यालय तक प्रकरण पहुंच चुका है।

पार्टी ने पद से हटाया

क्षेत्रीय और प्रांतीय पदाधिकारियों से परामर्श लेने के बाद शनिवार को महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना ने सूर्यकांत मौर्य को महानगर मंत्री पद के दायित्व से मुक्त कर दिया।

सूर्यकांत मौर्य 2020 से पुरानी महानगर कमेटी से ही मंत्री पद संभालते आ रहे हैं।

नई कमेटी में भी अभी कोई परिवर्तन नहीं हुआ था, यह दायित्व उन्हीं के पास था। उसके पहले पहले वह मंडल अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालते रहे हैं।

पार्टी ने उन्हें पद से तो हटा दिया है, लेकिन प्राथमिक सदस्यता खत्म किए जाने और निष्कासन की कार्रवाई नहीं हुई है।

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