
कीव। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि रूस केवल ताकत की भाषा समझता है और उन्होंने जी-7 और नाटो देशों से अपील की कि जून में होने वाले उनके सम्मेलन में कोई ठोस निर्णय होना चाहिए। कनाडा में होने वाला जी-7 सम्मेलन 15-17 जून के बीच होगा। वहीं नाटो सम्मेलन नीदरलैंड में 24-26 जून को होगा।
जी-7 और नाटो देशों से लगाई गुहार
जेलेंस्की ने एक बयान में कहा कि ‘आने वाले हफ्तों में यूक्रेन में अहम बैठकें होंगी और हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जून में होने वाले सम्मेलन जैसे कनाडा में होने वाला जी-7 सम्मेलन और नीदरलैंड में होने वाला नाटो सम्मेलन खाली न जाएं।’
जेलेंस्की ने कहा कि ‘रूस केवल एक ही भाषा समझता है और वो है ताकत की भाषा। आने वाले महीने में होने वाले सम्मेलनों में सभी जगह इसी दिशा में काम होना चाहिए।’
युद्धबंदियों की रिहाई की अपील
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि ‘यूक्रेन अपने युद्धबंदियों की रिहाई और हमारे बलिदान योद्धाओं की वापसी सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। इस्तांबुल में बनी सहमति के बावजूद एक हजार से अधिक लोगों के आदान-प्रदान के लिए रूस की ओर से पूरी सूची अभी भी उपलब्ध नहीं कराई गई है।
अपने चिर परिचित अंदाज में रूसी पक्ष एक बार फिर इन मामलों को भी गंदे राजनीतिक और सूचना के खेल में बदलने की कोशिश कर रहा है। अपनी ओर से, हम आदान-प्रदान को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।’
रूस ने यूक्रेन पर तेज किए हमले
हाल ही में रूस ने यूक्रेन पर बड़ा हमला किया था, जिसमें 400 ड्रोन्स और 40 से ज्यादा मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद शुक्रवार को जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से अपील की थी कि वे रूस के खिलाफ दबाव बनाएं।
रूस यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से अब तक 12000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। रूस और यूक्रेन के बीच मध्यस्था की कोशिशें चल रही हैं और इसे लेकर बीते दिनों इस्तांबुल में एक बैठक भी हुई थी।
हालांकि यूक्रेन के रूस के पांच एयरबेस पर किए गए ड्रोन हमले और उसमें रूस के 40 से ज्यादा विमानों के तबाह होने के बाद रूस ने भी हमले तेज कर दिए हैं।