
ढाका। बांग्लादेश के कुमिला जिले में हिंदू महिला के साथ दरिंदगी के वीडियो ने सोशल मीडिया पर भूचाल मचा दिया है। इसे लेकर बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
अल्पसंख्यक समुदाय सड़कों पर उतरकर न्याय की गुहार लगा रहा है। वहीं, अब पुलिस ने भी एक्शन लेते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
कुमिला के पुलिस अधिकारी नजीर अहमद खान के अनुसार, ढाका के सैयदाबाद में छापेमारी के दौरान मुख्य आरोपी को हिरासत में लिया गया। वहीं, महिला के साथ गैंगरेप का वीडियो वायरल करने वाले लोगों को भी पुलिस ने पकड़ लिया है।
बांग्लादेश में उबाल
ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों ने कैंपस में मार्च निकालते हुए दुष्कर्म की घोर निंदा की है। वहीं जगन्नाथ हॉल की डोमेट्री में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों ने भी न्याय की मांग की है।
खालिदा जिया के सचिव ने की मांग
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के सचिव मिर्जा फखरूल इस्लाम आलमगीर ने भी आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग की है। साथ ही हाईकोर्ट ने पीड़िता के सभी वीडियो सोशल मीडिया से हटाने के आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट ने दिए आदेश
हाईकोर्ट में दो जजों की बेंच ने पीड़िता को सुरक्षा देने और जरूरी इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।
कई मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई। वहीं, पड़ोसियों ने कथिर तौर पर आरोपियों को भगाने में मदद की।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला कुमिला के मुरादनगर का है। एक युवती अपने माता-पिता के घर आई थी। तभी कुछ लोग रात में जबरन दरवाजा तोड़कर घर में घुस गए।
उन्होंने न सिर्फ पीड़िता का गैंगरेप किया बल्कि उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पड़ोसियों ने आरोपियों को पकड़कर पीटा और फिर उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले गए, जहां से आरोपी फरार हो गए।
शेख हसीना के बेटे ने यूनुस सरकार को घेरा
बांग्लादेश में तख्तापलट को 11 महीने हो चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब अहमद वजीद ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है।
पिछले 11 महीनों में बांग्लादेश में बढ़ी मॉब लिचिंग और अल्पसंख्यकों के प्रति हो रहे अत्याचार के लिए सजीब ने यूनुस सरकार पर निशाना साधा है।
पिछले साल हुआ था तख्तापलट
बता दें कि 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ था। हिंसक प्रदर्शन के कारण तत्कालीन पीएम शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। वहीं अब बांग्लादेश की बागडोर नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के हाथ में है।