मानसून में बढ़ जाता है डेंगू-मलेरिया का खतरा, बरतें सावधानी; ऐसे करें बचाव

नई दिल्ली। मानसून शुरू हो चुका है। ये मौसम जहां सुकून भरी बारिश और ठंडी हवाएं लेकर आता है, वहीं कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।

खासतौर पर Vector-Borne Diseases इस समय तेजी से फैलते हैं। ये बीमारियां मच्छरों, मक्खियों और दूसरे कीटों के जरिए इंसानों में फैलते हैं। इस दौरान सेहत का कुछ ज्‍यादा ही ख्‍याल रखना पड़ता है।

WHO के मुताब‍िक, हर साल दुनिया भर में 7 लाख से ज्यादा लोगों की मौत इन बीमारियों से होती है। इनमें मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, लीशमैनियासिस और चगास जैसी कई बीमारियां शामिल हैं।

क्‍या है Vector-Borne Diseases?

वेक्टर बॉर्न डिजीज उन बीमारियों को कहा जाता है जो इंसानों तक कीड़े मकोड़ों के जरिए पहुंचती हैं। ये कीड़े बीमारी फैलाने वाले परजीवी, वायरस या बैक्टीरिया को अपने शरीर में लेकर चलते हैं।

जब ये क‍िसी को काटते हैं, तो वो बीमारी इंसान के शरीर में पहुंच जाती है। इन बीमारियों को फैलाने वाले कीड़ों को ही Vector कहा जाता है।

कहां ज्यादा फैलती हैं ये बीमारियां?

ये बीमारियां उन इलाकों में ज्यादा फैलती हैं जहां गर्मी और नमी दोनों हीह ज्यादा होती हैं। आपको बता दें क‍ि गंदगी वाले इलाकों में मच्छर तेजी से पनपते हैं, जिससे व‍हां के लोग ज्यादा बीमार पड़ते हैं।

मानसून में क्‍यों बढ़ जाता है खतरा ?

बारिश के कारण जगह-जगह पानी जमा हो जाता है, जिसमें मच्छर अंडे देते हैं। गंदगी और खुला कूड़ा मच्छरों को बढ़ने का मौका देते हैं। वहीं जलवायु परिवर्तन भी इन बीमारियों को नए इलाकों तक पहुंचा रहा है।

कैसे करें बचाव?

गमलों, कूलर, बाल्टियों या छत पर पानी जमा न होने दें। रोजाना उन्हें साफ करें।

रात में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। खिड़की-दरवाजों को बंद रखें या जाली लगवाएं।

मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का इस्‍तेमाल करें।फुल स्‍लीव्‍स के कपड़े पहनें।

नालियां, कूड़ेदान और ऐसी जगहें साफ रखें जहां मच्छर पनप सकते हैं।मोहल्ले में फॉगिंग भी करवा सकते हैं।

पानी को हमेशा ढक कर रखें। अगर सड़क पर पानी भरा हो तो उसमें से न न‍िकलें।

रोज ताजे फल, सब्जियां और विटामिन C वाली चीजें खाएं, इससे आपकी इम्युनिटी मजबूत बनी रहेगी।

बुखार, बदन दर्द, थकावट या रैशेज हो तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।

Back to top button