‘व्यक्तिगत कीमत चुकाने को भी तैयार’, US से टैरिफ विवाद के बीच बोले PM मोदी

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर टैरिफ बढ़ोतरी के एलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज पहला रिएक्शन आया है। पीएम मोदी ने परोक्ष रूप से कहा कि हमारे लिए, हमारे किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है, चाहे उसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इन हितों की रक्षा के लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से कोई कीमत चुकानी पड़ी, तो वे इसके लिए तैयार हैं। पीएम मोदी ने ये बात मशहूर कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन की जन्म शताब्दी पर आयोजित तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कही।

हमारे लिए किसानों का हित सर्वोपरि

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशु पालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा। मैं जानता हूं कि व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं। मेरे देश के मछुआरों के लिए, मेरे देश के पशु पालकों के लिए आज भारत तैयार है।’

एमएस स्वामीनाथन पर बोले पीएम

एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रो. स्वामीनाथन के साथ मेरा जुड़ाव कई वर्षों पुराना है। बहुत से लोग गुजरात के शुरुआती हालातों से वाकिफ हैं।

पहले सूखे और चक्रवातों के कारण कृषि को काफी संकट का सामना करना पड़ता था और कच्छ में रेगिस्तान का विस्तार हो रहा था। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब हमने मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर काम शुरू किया था।

तब प्रो. स्वामीनाथन ने इसमें काफी रुचि दिखाई, उन्होंने खुलकर हमें सुझाव दिए और हमारा मार्गदर्शन किया। उनके योगदान के कारण, इस पहल को जबरदस्त सफलता मिली।

भारत माता के सच्चे सपूत थे एमएस स्वामीनाथन

पीएम ने आगे कहा, कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जिनका योगदान किसी एक युग या किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं होता। प्रो. स्वामीनाथन ऐसे ही एक महान वैज्ञानिक थे, भारत माता के सच्चे सपूत। उन्होंने विज्ञान को जनसेवा का माध्यम बनाया।

उन्होंने देश की खाद्य सुरक्षा को अपने जीवन का ध्येय बनाया। उन्होंने एक ऐसी चेतना जागृत की जो आने वाली कई शताब्दियों तक भारत की नीतियों और प्राथमिकताओं का मार्गदर्शन करती रहेगी।

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