
वाशिंगटन। विदेशी वस्तुओं पर मनमाने ढंग से टैरिफ लगाने के बाद डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी अदालत से तगड़ा झटका लगा है। अमेरिका की कोर्ट ने ट्रंप के टैरिफ पर सवाल खड़े किए हैं।
अमेरिका की कोर्ट ने ट्रंप को 14 अक्तूबर तक का समय दिया है। तब तक टैरिफ लागू रहेगा और ट्रंप प्रशासन इसके लिए अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है लेकिन, अगर सुप्रीम कोर्ट ने भी टैरिफ को खारिज कर दिया, तो इससे अमेरिका को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
अमेरिकी अर्थव्यस्था को होगा नुकसान
डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में आने के बाद कई देशों पर टैरिफ लगा दिया। ट्रंप का टैरिफ 2 अप्रैल से लागू हुआ। इस दौरान ट्रंप ने कुछ देशों को टैरिफ में रियायत दी तो कई देशों का टैरिफ बढ़ा दिया।
जुलाई 2025 तक सिर्फ टैरिफ से अमेरिका ने 159 बिलियन डॉलर (लगभग 14 लाख करोड़) कमाए हैं। ऐसे में अगर टैरिफ हटाने का आदेश दिया जाएगा, तो अमेरिका को यह पैसे रिफंड करने पड़ सकते हैं, जिससे अमेरिकी खजाने पर बुरा असर पड़ेगा।
ट्रंप का इमोशनल ब्लैकमेल
अदालत के फैसले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बयान जारी किया। ट्रंप ने शुक्रवार (स्थानीय समय) को पुष्टि की कि इन देशों पर लगाए गए सभी टैरिफ लागू रहेंगे। उन्होंने अदालत के हालिया फैसले को गलत बताया।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि सभी टैरिफ अभी भी लागू हैं! आज एक अति पक्षपातपूर्ण अपील अदालत ने फैसला जारी किया है कि हमारे टैरिफ हटा दिए जाने चाहिए, लेकिन वे जानते हैं कि अंत में अमेरिका की ही जीत होगी। अगर ये टैरिफ कभी हटा दिए गए, तो यह देश के लिए पूरी तरह से विनाशकारी होगा। यह हमें आर्थिक रूप से कमजोर बना देगा, और हमें मजबूत होना होगा।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि अमेरिका की एक संघीय अदालत ने टैरिफ को गैरकानूनी बताते हुए 14 अक्टूबर तक इसे हटाने का आदेश दिया है। इस बीच ट्रंप प्रशासन सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है।