
लखनऊ। उप्र में रोजगार सृजन और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से माइक्रोफाइनेंस एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश (UPMA- उपमा) अपने 8वें वार्षिक अधिवेशन का आयोजन 6 नवम्बर को होटल ताज, लखनऊ में करने जा रहा है।
अधिवेशन का मुख्य विषय होगा —“माइक्रोफाइनेंस: रोजगार में सहायक”
इस अवसर पर भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व उप-गवर्नर एम. के. जैन तथा सिडबी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. क्षत्रपति शिवाजी जैसे देश के शीर्ष वित्तीय विशेषज्ञ विशेष रूप से मुंबई से लखनऊ आकर अधिवेशन को संबोधित करेंगे।
अधिवेशन के दौरान उत्तर प्रदेश को ‘उत्तम प्रदेश’ बनाने में माइक्रोफाइनेंस की भूमिका पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी, जिसमें यह दर्शाया जाएगा कि किस प्रकार माइक्रोफाइनेंस संस्थान प्रदेश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोजगार, आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण को नई दिशा दे रहे हैं।
कार्यक्रम में देश की प्रमुख वित्तीय संस्थाओं के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे, जिनमें प्रमुख हैं —
• गणेश नारायणन, अध्यक्ष, क्रेडिट एक्सेस ग्रामीण
•विवेक तिवारी, प्रमुख, सत्या माइक्रो कैपिटल एवं चेयरमैन, उपमा
•अनूप सिंह, प्रमुख, सोनाटा फाइनेंस
•प्रमोद कुमार पाण्डेय, कार्यपालक निदेशक, उत्कर्ष बैंक
विवेक तिवारी, चेयरमैन, उपमा ने बताया कि अधिवेशन में विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी, जैसे — क्या माइक्रोफाइनेंस अपने ग्राहकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरा है, भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत जिम्मेदार वित्तपोषण ,जिम्मेदारी के साथ व्यवसाय वृद्धि की रणनीतियाँ
उपमा के मंत्री पारस वासनिक ने बताया कि “हम हर वर्ष यह अधिवेशन आयोजित करते हैं। इस वर्ष का यह आठवां अधिवेशन है, जो माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र के कर्मियों और हितधारकों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी रहेगा।”
वर्तमान में उप्र में माइक्रोफाइनेंस का कुल व्यवसाय लगभग ₹15,137 करोड़ का है, जिसमें करीब 53 लाख महिलाएँ ग्राहक हैं। प्रति ग्राहक औसत ऋण ₹55,045 का है। माइक्रोफाइनेंस सेवाएँ आज प्रदेश के हर जिले तक पहुँची हुई हैं।
इस अवसर पर उन विभूतियों को भी सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने अपने कार्यकाल में माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र को दिशा और मार्गदर्शन प्रदान किया है।





