दिल ही नहीं, दिमाग पर भी गहरा असर डालता है हाई BP; अल्जाइमर से है सीधा कनेक्शन

नई दिल्ली। हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन को अक्सर दिल की बीमारियों से जोड़ा जाता है, लेकिन एक नए अध्ययन ने यह साफ कर दिया है कि इसका असर दिल से कहीं आगे सीधे मस्तिष्क तक पहुंचता है- वो भी बहुत पहले, जितना अब तक माना गया था।

यह स्टडी बताती है कि क्यों हाई ब्लड प्रेशर को अल्जाइमर जैसे बौद्धिक विकारों का बड़ा कारण माना जाता है।

मस्तिष्क पर असर शुरुआत में ही क्यों?

वेइल कॉर्नेल मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने पाया कि हाइपरटेंशन मस्तिष्क की कोशिकाओं में बेहद शुरुआती बदलाव शुरू कर देता है।

ये बदलाव जीन अभिव्यक्ति यानी जीन एक्सप्रेशन के स्तर पर होते हैं- जो यह नियंत्रित करता है कि कोशिकाएं कैसे काम करेंगी।

जब ये जीन असामान्य तरीके से सक्रिय होने लगते हैं, तो सोचने, सीखने और याद रखने की क्षमता प्रभावित होने लगती है।

यही वजह है कि जिन लोगों का ब्लड प्रेशर लंबे समय तक बढ़ा रहता है, उनमें सामान्य लोगों की तुलना में बौद्धिक विकारों का खतरा लगभग 1.2 से 1.5 गुना बढ़ जाता है।

केवल तीन दिन में दिखने लगे बदलाव

अध्ययन का नेतृत्व करने वाले डॉ. एंथनी पचोल्को की टीम ने एक दिलचस्प तथ्य सामने रखा- हाइपरटेंशन की शुरुआत के सिर्फ तीन दिन बाद ही मस्तिष्क की महत्वपूर्ण कोशिकाएं नुकसान के संकेत देने लगती हैं।

शोधकर्ताओं ने मस्तिष्क पर इसके असर को तीन चरणों में परखा

-ब्लड प्रेशर बढ़ने से पहले

-तीन दिन बाद

-42 दिन बाद

तीसरे ही दिन तीन प्रमुख तरह की कोशिकाओं में जीन अभिव्यक्ति बदलने लगी। ये वही कोशिकाएं हैं जो मस्तिष्क को सक्रिय रखती हैं, सूचनाओं को प्रोसेस करती हैं और बौद्धिक क्षमता को संभालती हैं।

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