
ढाका। पाकिस्तान भारत विरोधी अभियानों के लिए बांग्लादेश का हथियारों की तरह इस्तेमाल कर रहा है।
शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के हैंडलर, जिनमें पाकिस्तान सेना के पुराने कमांडो भी शामिल हैं, बांग्लादेश के बंदरबन, ब्राह्मणबरिया और सिलहट जिलों के कैंपों में 125 से अधिक लोगों को आतंकी ट्रेनिंग दे रहे हैं।
युवाओं को दिया जा रहा प्रशिक्षण
इनमें 50 से अधिक रोहिंग्या युवक और आतंकी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम और हिज्ब-उत-तहरीर के कैडर शामिल हैं।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि प्रशिक्षण में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बनाना, गुरिल्ला रणनीति और घुसपैठ शामिल है। जानबूझकर भारत के पूर्वोत्तर सीमा के बिना बाड़ वाले हिस्सों के पास कैंप बनाए जाते हैं।
‘साउथ एशिया प्रेस’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि बांग्लादेश पाकिस्तान की हाइब्रिड वारफेयर स्ट्रैटेजी में एक अहम हिस्सा बनकर उभर रहा है।
अंडरवर्ल्ड के दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी के साथ रिश्तों का फायदा उठाकर आइएसआइ बांग्लादेश की जमीन पर मादक पदार्थों की तस्करी के नेटवर्क और आतंकी कैंप बना रही है।
क्षेत्रीय खुफिया आकलन से संकेत मिला है कि ढाका में 2024 की राजनीतिक उथल-पुथल और मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनने के बाद, इस्लामाबाद ने भारत को अस्थिर करने और ग्लोबल जिहादी प्रॉक्सी को फंडिंग करने के लिए बांग्लादेश का इस्तेमाल करने की कोशिशें तेज कर दी हैं।
दाऊद का कराची में मौजूद सिंडिकेट बांग्लादेश के पोतों के जरिये अफगान हेरोइन, मेथामफेटामाइन और सिंथेटिक ड्रग्स भेजता है, क्योंकि भारत की कार्रवाई के कारण पारंपरिक रास्तों से मादक पदार्थों को भेजने पर रोक लग गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में नीतियों में बदलाव से तस्करी को बढ़ावा मिला है।
सितंबर 2024 में पाकिस्तानी सामानों को अनिवार्य जांच से छूट और दिसंबर 2024 में पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सुरक्षा मंजूरी में ढील देने से तस्करी के लिए खुले रास्ते बन गए हैं।
डी-कंपनी बांग्लादेश के जरिए कर रही व्यापार
रिपोर्ट में कई मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा गया है कि डी-कंपनी बांग्लादेश के चटगांव और काक्स बाजार में रसद केंद्र बना रही है, रियल एस्टेट और हवाला नेटवर्क के जरिये फंड भेज रही है और म्यांमार के ड्रग सिंडिकेट के साथ लिंक बना रही है।




