
वॉशिंगटन। सीरिया में इस्लामिक स्टेट (IS) के खिलाफ अमेरिका ने बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया है। अमेरिकी सैनिकों और एक दुभाषिये की मौत के बाद ट्रंप प्रशासन ने बदले की कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को सीरिया में आईएस ठिकानों पर व्यापक हवाई हमले किए।
अमेरिका ने साफ शब्दों में कहा है कि यह कोई युद्ध की शुरुआत नहीं, बल्कि अपने नागरिकों की हत्या का जवाब है।अमेरिकी रक्षा मंत्री ने भी कहा कि ये युद्ध की शुरुआत नहीं, हमारा बदला है।
बता दें कि लगभग एक हफ्ते पहले सीरिया के रेगिस्तानी इलाके में हुए घातक हमले में दो अमेरिकी सैनिक और एक अमेरिकी नागरिक दुभाषिया मारे गए थे। इस हमले के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सीधे तौर पर इस्लामिक स्टेट को जिम्मेदार ठहराया था।
इसके बाद ट्रंप ने बेहद सख्त कार्रवाई का ऐलान किया था। उसी कड़ी में अमेरिकी सेना ने सीरिया के मध्य हिस्सों में आईएस के ठिकानों और हथियार भंडारों को निशाना बनाया।
आईएस के 70 ठिकानों पर हमला
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार यह हमला बड़े पैमाने पर किया गया। सीरिया के अलग-अलग इलाकों में आईएस के 70 ठिकानों को निशाना बनाया गया।
इन ठिकानों में आईएस का बुनियादी ढांचा, हथियार भंडारण केंद्र और ऑपरेशन से जुड़े ठिकाने शामिल थे। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में और हमले भी हो सकते हैं।
क्या बोले रक्षा मंत्री
अमेरिका रक्षा मंत्री ने कहा कि ये किसी युद्ध की शुरुआत नहीं, बल्कि बदले की घोषणा है। राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने कहा कि दुनिया में कहीं भी अमेरिकियों को निशाना बनाने वालों को ढूंढकर खत्म किया जाएगा।
अमेरिकी बयान में दावा किया गया कि इस अभियान में बड़ी संख्या में दुश्मन मारे गए हैं और कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
सीरिया सरकार का रुख
सीरिया की विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी हमलों के बाद बयान जारी किया। मंत्रालय ने कहा कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग मजबूत करने की जरूरत को दर्शाता है।
सीरिया ने दावा किया कि वह अपने देश में आईएस को किसी भी तरह का सुरक्षित ठिकाना नहीं देने के लिए प्रतिबद्ध है और आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई जारी रखेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी कहा कि सीरियाई राष्ट्रपति अहमद अल-शारा इस कार्रवाई के समर्थन में हैं और आईएस के हमले से बेहद नाराज हैं।
बता दें कि पिछले शनिवार को पलमायरा के पास हुई फायरिंग में अमेरिकी नेशनल गार्ड के सार्जेंट एडगर ब्रायन टोरेस-तोवार और सार्जेंट विलियम नाथनियल हॉवर्ड की मौत हुई थी।
इसके अलावा अमेरिकी नागरिक दुभाषिया अयाद मंसूर सकत भी मारा गया था। इस हमले में तीन अन्य अमेरिकी सैनिक और सीरियाई सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे। हमलावर को मौके पर ही मार गिराया गया था।
जांच में सामने आया कि हमलावर कुछ समय पहले ही सीरिया की आंतरिक सुरक्षा बलों में शामिल हुआ था और आईएस से उसके संबंधों पर पहले से संदेह था।





