मगरमच्छ से पिता को बचाने वाले 10 साल के अजय राज PM राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित

नई दिल्ली/आगरा। मगरमच्छ से पिता की जान बचाने वाले अजय राज के साहस को सलाम है। वह जानता था कि मगरमच्छ उससे कहीं अधिक ताकतवर है।

चंबल नदी में पलक झपकते ही मगरमच्छ उसे और पिता को चबा सकता है। मगर, उसने साहस के साथ ही चतुराई का भी परिचय दिया। लाठी से पहले मुंह और फिर दोनों आंखों 12 से 15 लाठी मारी।

अजय के इस साहस के लिए शुक्रवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अजय को प्रधानमंत्री बाल राष्ट्रीय पुरस्कार-2025 (साहस श्रेणी) से सम्मानित किया।

यह पुरस्कार 25 जुलाई को मगरमच्छ के हमले से पिता की जान बचाने के लिए मिला। इस पुरस्कार में मेडल, प्रशस्ति पत्र और एक लाख रुपये शामिल है। वहीं पुरस्कार जीतने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अजय को बधाई दी है।

10 साल के अजय ने कैसे बचाया पिता को?

झरनापुरा, बासौनी बाह के वीरभान उर्फ बंटू 25 जुलाई 2025 की दोपहर दो बजे चंबल नदी के किनारे बकरियां चला रहे थे। वीरभान के साथ उनका 10 साल का बेटा अजय राज भी था।

वीरभान बोतल में पानी भरने के लिए नदी में गए थे। इस बीच मगरमच्छ ने वीरभान का दायां पैर पकड़ लिया और गहरे पानी की तरफ खींचने लगा।

पिता की आवाज सुन अजयराज लाठी लेकर नदी में कूद गया। सबसे पहले उसने 10 लाठियां मगरमच्छ के मुंह में मारी।

पकड़ ढीली न होने पर अजय ने चतुराई दिखाई और दोनों आंखों को निशाना बनाते हुए पांच लाठियां मारीं। आंखों पर हुए हमले से मगरमच्छ घबरा गया और पैर छोड़कर भाग खड़ा हुआ।

सिर्फ पिता को बचाना था

अजय ने पिता को सहारा दिया और नदी से बाहर निकल कर आए। अजय के इस साहस की खूब सराहना हुई।आगरा जिला प्रशासन ने अगस्त में अजय का नाम प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए भेजा।

पोर्टल पर भरे गए आवेदन में जांच हुई और फिर शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अजयराज को सम्मानित किया। अजय के साहस की कहानी को सुनाया भी गया।

अजय ने बताया कि उसे सिर्फ पिता को बचाना था। पिता को बचाने के लिए जो भी बन पड़ा। वह कार्य किया। मगरमच्छ की आंख लाठियां मारीं। आंख घायल होने से मगरमच्छ भाग खड़ा हुआ।

मुख्यमंत्री ने दी बधाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अजय को साहसिक कार्य के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि अदम्य साहस, त्वरित बुद्धि और अदभुत धैर्य का परिचय दिया। इस नन्हें पराक्रमी पर समूचे उप्र को गर्व है। आपका साहस देशभर के बच्चों के लिए प्रेरणा है। उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं भी दी हैं।

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