वाशिंगटन। अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर के पास भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच ताजा संघर्ष के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के भारत के प्रयासों का अमेरिका ने समर्थन किया है। पेंटागन के प्रेस सचिव पैट राइडर ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि हम अपने सहयोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेंगे। भारत ने जिस तरह से स्थिति को नियंत्रित किया हम उसके प्रयासों का पूरा समर्थन करते हैं।
पैट राइडर ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर चल रही गतिविधियों पर अमेरिका नजर बनाए हुए है। यह दुनिया जानती है कि चीन किस तरह से तानाशाही कर सीमा पर अपने बलों को इकट्ठा कर तथाकथित सैन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है।
हमारे सहयोगियों के खिलाफ भी बढ़ रही चीन की आक्रामकता
पैट राइडर ने आगे कहा कि चीन खुद को मुखर करने की कोशिश में अमेरिकी सहयोगियों और भागीदारों के खिलाफ भी आक्रामक हो रहा है। एलएसी के बाद अब चीन समुद्री सीमा में भी भारत के अलावा अन्य देशों के लिए भी बड़ी चुनौती बन रहा है। हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी सेना की मौजूदगी चिंता का विषय है।
अमेरिकी व्हाइट हाउस ने भी जारी किया था बयान
मंगलवार (स्थानीय समय) को एक प्रेस वार्ता के दौरान भारत-चीन टकराव के मुद्दे पर बात करते हुए व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करीन जीन-पियरे ने कहा कि अमेरिका स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और दोनों पक्षों को विवादित सीमाओं पर चर्चा करने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय चैनलों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
करीन जीन-पियरे ने कहा कि हमें खुशी है कि दोनों पक्ष संघर्ष से जल्दी से अलग हो गए। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और भारत और चीन को विवादित सीमाओं पर चर्चा करने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय चैनलों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
नौ दिसंबर को हुई थी झड़प
अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र के यांग्त्से में एलएसी पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों का जमावड़ा 9 दिसंबर को देखा गया था। भारतीय सेना के जवानों ने चीनी सेना को वहां से हटने के लिए कहा और दृढ़ता से उन्हें आगे बढ़ने से रोका। इसके बाद हुई झड़प में दोनों पक्षों के सैनिकों को चोटें आईं। झड़प के तत्काल बाद दोनों पक्ष अपने इलाकों में लौट गए।
बताया जा रहा है कि चीनी सैनिकों की तरफ से अचानक हुए इस हमले का मुहंतोड़ जवाब दिया गया। जहां भारत की तरफ से 20 सैनिक जख्मी हुए, वहीं चीन के घायल सैनिकों का आंकड़ा लगभग दोगुने से भी ज्यादा बताया जा रहा है।