कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थकों ने एक बार फिर हिंदू मंदिर को निशाना बनाया है। बता दें कि शनिवार को ब्रिस्बेन के मशहूर श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में खालिस्तान समर्थकों ने तोड़फोड़ की।
मंदिर के अध्यक्ष सतिंदर शुक्ला ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए बताया कि सुबह के समय श्रद्धालु मंदिर में पूजा-पाठ के लिए पहुंचे थे, इसी दौरान उन्होंने देखा कि मंदिर की दीवार को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है।
हिंदू ह्युमन राइट्स की निदेशक सारा गेट्स का कहना है कि सिख फॉर जस्टिस की तर्ज पर इस घृणा अपराध को अंजाम दिया गया है। यह ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हिंदुओं को डराने के लिए किया गया है।
हिंदू आस्था पर चोट करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के कैरम डाउन इलाके में स्थित श्री शिवा विष्णु मंदिर पर भी भारत विरोधी नारे लिखे गए थे। मंदिर में जब भारत विरोधी नारे लिखे गए, उस वक्त तमिल हिंदुओं द्वारा तीन दिन का थाई पोंगल त्योहार मनाया जा रहा था।
15 जनवरी को खालिस्तान समर्थकों ने मेलबर्न में एक कार रैली निकालकर खालिस्तान पर जनमत के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास किया था लेकिन उन्हें समर्थन नहीं मिल सका। मेलबर्न में भारतीय मूल की करीब 60 हजार आबादी रहती है लेकिन रैली में कुछ सौ लोग ही मौजूद रहे। माना जा रहा है कि इसी गुस्से में हिंदू मंदिर को निशाना बनाया गया।
जनवरी में ही ऑस्ट्रेलिया के मिली पार्क इलाके में स्वामीनारायण मंदिर पर भी भारत विरोधी नारे लिखे गए थे। मेलबर्न के इस्कॉन मंदिर में भी तोड़फोड़ की गई थी। भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिया सरकार के समक्ष हिंदू मंदिरों में हो रही तोड़फोड़ की बात उठाई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।