नई दिल्ली। अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की विपक्ष की मांग पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी चुप्पी तोड़ी। एक कार्यक्रम में शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही मामले का संज्ञान लिया है और एक जांच समिति का गठन किया है।
गौरतलब है कि अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की ओर से गौतम अदाणी के नेतृत्व वाले अदाणी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी, लेनदेन और शेयर मूल्य में हेरफेर सहित कई आरोप लगाए जाने के बाद अदाणी समूह के शेयरों में गिरावट आई थी।
हालांकि, समूह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताते हुए खारिज कर दिया था। इस मामले में अदाणी समूह ने कहा है कि वह सभी कानूनों और नियामकीय जरूरतों का पालन करता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार को इस मामले में कोई भ्रम नहीं है। हमारा कहना है कि उच्चतम न्यायालय ने इसकी जांच के लिए एक समिति गठित की है और लोगों को न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा करना चाहिए।’
शाह ने कहा कि अगर किसी के पास सबूत है तो उसे उच्चतम न्यायालय की समिति के समक्ष पेश करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि अगर कुछ गलत हुआ है तो किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए और सभी को न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘फिर भी, अगर आपको लगता है कि रिपोर्ट सही नहीं है, तो किसी को इस मामले को उठाना चाहिए या इसका विरोध करना चाहिए। सेबी और उच्चतम न्यायालय दोनों समानांतर जांच करेंगे और सेबी पहले ही उच्चतम न्यायालय को बता चुका है कि वह मामले की जांच कर रहा है।
शाह ने कहा कि अगर विपक्ष बातचीत के लिए आता है तो संसद में मौजूदा गतिरोध को दूर किया जा सकता है और अगर विपक्ष दो कदम आगे बढ़ता है तो सरकार भी ‘दो कदम आगे’ बढ़ेगी। शाह ने यह भी कहा कि कुछ मुद्दे राजनीति से ऊपर हैं और यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी विदेशी जमीन पर घरेलू राजनीति पर चर्चा करने से इनकार कर दिया था।
उन्होंने कहा, ”दोनों पक्षों को अध्यक्ष के समक्ष बैठने दीजिए और चर्चा करने दीजिए। उन्हें दो कदम आगे आना चाहिए और हम दो कदम आगे बढ़ेंगे। इसके बाद संसद चलनी शुरू हो जाएगी। लेकिन आप सिर्फ संवाददाता सम्मेलन करें और कुछ न करें, यह ऐसे नहीं हो सकता।
गृह मंत्री ने कहा कि संसदीय प्रणाली केवल सत्ता पक्ष या केवल विपक्ष से नहीं चल सकती क्योंकि दोनों को एक दूसरे से बात करनी होती है।
शाह ने कहा कि भाजपा नीत राजग 2024 में फिर से सरकार बनाएगा और नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। शाह ने यह भी कहा कि जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, तीन हॉटस्पॉट – जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और नक्सल से संबंधित मुद्दों को बहुत हद तक हल कर लिया गया है।
गृह मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के अंदर आतंकवादियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के बाद किसी भी विदेशी ताकत ने देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की हिम्मत नहीं की।
यह पूछे जाने पर कि 2024 के आम चुनावों में राजग को कितनी सीटें मिलेंगी मंत्री ने कहा कि यह 2019 से अधिक होगा। 2019 के आम चुनावों में भाजपा को 303 सीटें मिलीं थी और एनडीए ने कुल 543 लोकसभा क्षेत्रों में से 350 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज की थी।