अहमदाबाद। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने मोदी सरनेम मानहानि मामले में दोषी करार देकर 2 साल की सजा सुनाई है। 2019 में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी, उसी मामले में कोर्ट ने सजा दी है।
जानकारी के मुताबिक, सजा के तुरंत बाद राहुल गांधी को जमानत भी मिल गई है। हालांकि, अगर सूरत कोर्ट से जमानत नहीं मिलती तो राहुल गांधी फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जा सकते थे। इस केस में दो साल की अधिकतम सजा का प्रावधान है। शिकायतकर्ता ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
केंद्रीय मंत्री का रिएक्शन
राहुल गांधी को दो साल की सजा के बाद सूरत से सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री दर्शना जरदोश ने कहा कि राहुल गांधी के बयान को लेकर सूरत में ही नहीं पूरे गुजरात के ओबीसी समाज में गुस्सा था और वह कोर्ट के फैसले का स्वागत करती हैं।
किन धाराओं में दर्ज है केस?
इससे पहले राहुल गांधी के एडवोकेट किरीट पानवाला ने बताया कि CJM एचएच वर्मा की कोर्ट ने पिछले हफ्ते दोनों पक्षों की दलीलों की अंतिम सुनवाई की और निर्णय सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी।
राहुल गांधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत केस दर्ज है। इससे पहले अक्टूबर, 2021 में राहुल गांधी अपना बयान दर्ज कराने के लिए सूरत कोर्ट में पेश हुए थे।
क्या है मामला?
मामला 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले का है। कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, “कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?”। उनके इस बयान के बाद भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने कहा राहुल गांधी की इस टिप्पणी ने पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया।