नई दिल्ली फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर विवाद गहराता जा रहा है। इसी शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली इस फिल्म को लेकर केरल में राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है। खासकर सत्तासीन लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट-कांग्रेस और भाजपा के बीच इस फिल्म को लेकर विवाद शुरू हो गया है।
दरअसल, फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे हजारों युवा महिलाओं को इस्लामिक स्टेट (IS) में शामिल होने तथा सीरिया और अफगानिस्तान जैसे देशों में जाने के लिए भड़काया गया था। इस फिल्म का सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF), विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) और कांग्रेस विरोध कर रहे हैं।
एक दूसरे पर हमलावर
जहां एक तरफ कहा जा रहा कि फिल्म में सच्चाई नहीं है, बल्कि यह गलत विचारधारा को बढ़ावा देने का काम है। फिल्म में लगाए गए आरोपों को सिद्ध करने पर एक करोड़ देने की बात कही है। वहीं दूसरी तरफ ‘द केरल स्टोरी’ के समर्थन में उतरे लोगों ने पलटवार करते हुए कहा कि हम 10 करोड़ देंगे। आप सिद्ध करिए यह वास्तविकता नहीं है।
एक के बदले दस करोड़ देने की बात
दरअसल, मुस्लिम यूथ लीग की केरल राज्य समिति ने फिल्म में लगाए गए आरोपों को साबित करने वाले व्यक्ति के लिए एक करोड़ रुपये के इनाम की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अगर फिल्म में दिखाए गए वाक्या को कोई सिद्ध कर देता है तो उसे एक करोड़ दिए जाएंगे।
इस पर पलटवार करते हुए एक दक्षिणपंथी कार्यकर्ता और हिंदू सेवा केंद्र के संस्थापक प्रतीश विश्वनाथ ने 10 करोड़ रुपये देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि कोई साबित कर दे कि केरल से कोई भी आईएस में शामिल होने के लिए सीरिया नहीं गया था, तो उसे 10 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
इन नेताओं ने की आलोचना
बता दें, माकपा और विपक्षी कांग्रेस दोनों ने फिल्म के निर्माताओं की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वे ‘लव जिहाद’ का हौवा खड़ा कर राज्य को धार्मिक उग्रवाद के केंद्र के रूप में पेश करने के संघ परिवार के प्रचार को आगे बढ़ा रहे हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने संघ परिवार पर सांप्रदायिकता के जहरीले बीज बोने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संघ परिवार राज्य में धार्मिक सद्भाव को नष्ट करने की कोशिश कर रहा है।
फिल्म पर रोक लगाने मांग नहीं
भाजपा ने फिल्म का बचाव किया है। इस पर शशि थरूर ने ट्वीट कर केरलवासियों से अपनी सच्चाई के लिए सामने आगे आने को कहा है। उन्होंने कहा कि मैं फिल्म पर रोक लगाने की मांग नहीं कर रहा हूं। मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सिर्फ इसलिए मूल्यवान नहीं रह जाती क्योंकि इसका दुरुपयोग किया जा सकता है। लेकिन केरलवासियों को यह कहने का पूरा अधिकार है कि यह हमारी वास्तविकता की गलत व्याख्या है।
फिल्म पर प्रतिबंध लगाना व्यर्थ
जब फिल्म एक्जीबिटर्स यूनाइटेड ऑर्गनाइजेशन ऑफ केरला (FEUOK) के एक पदाधिकारी और कोच्चि में एक थिएटर कॉम्प्लेक्स के मालिक सुरेश शेनॉय से जब मीडिया में कहा गया कि ऐसी फिल्म एक बुरी मिसाल कायम करती हैं और सेंसरशिप के बराबर है। इस पर सुरेश शेनॉय ने कहा कि किसी फिल्म पर प्रतिबंध लगाना व्यर्थ है क्योंकि दर्शक इसे OTT प्लेटफॉर्म पर देख सकते हैं।
यह है फिल्म की कहानी
फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को देख आपकी रूह कांप जाएगी। इस फिल्म में केरल में धर्मांतरण कराकर आतंकवाद की आग में झोंकी गई लड़कियों की कहानी को मार्मिक तरीके से पेश किया गया है।
ट्रेलर में केरल के हिंदू परिवार की शालिनी उन्नीकृष्णन के फातिमा बनने का दर्दनाक सफर दिखाया गया है और इसके जरिए राज्य के आईएसआईएस कनेक्शन का पर्दाफाश करने की एक शानदार कोशिश की गई है।