IMF की शर्त- आठ अरब डालर की व्यवस्था करे पाकिस्तान, फिर मिलेगा बेलआउट पैकेज

इस्लामाबाद। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान से लंबे समय से रुके हुए नौवें समीक्षा बेलआउट पैकेज को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए अगले सात महीनों के दौरान बाहरी ऋण चुकौती को वापस करने के लिए नए ऋणों में 8 बिलियन अमेरिकी डालर की व्यवस्था करने को कहा है।

नवंबर से लंबित है कर्मचारी स्तरीय समझौता

आईएमएफ की मांग सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से पुष्टि प्राप्त करने के बावजूद 6.5 बिलियन अमेरिकी डालर के बेलआउट पैकेज के पुनरुद्धार की संभावना को और कम कर रही है। 6.5 बिलियन अमेरिकी डालर के आईएमएफ पैकेज में से 1.1 बिलियन अमेरिकी डालर की किश्त जारी करने के लिए एक कर्मचारी-स्तरीय समझौता नवंबर से लंबित है।

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आगामी बजट पर इसकी मंजूरी लेने की आईएमएफ की मांग भी अभी तक पूरी नहीं हुई है। सरकार के अनुसार, विस्तारित फंड सुविधा (EFF) की लंबित 9वीं समीक्षा के जल्द पूरा होने की संभावनाओं को और कम कर दिया गया है।

सूत्रों का कहना है कि IMF ने मई-दिसंबर 2023 के लिए आने वाले कर्ज की चुकौती सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त वित्तपोषण की मांग को 6 बिलियन अमेरिकी डालर से 8 बिलियन अमेरिकी डालर तक बढ़ा दिया है। ऋणदाता ने इस अवधि के लिए सभी अनुमानित प्रवाह और बहिर्वाह पर विचार करके 8 बिलियन अमेरिकी डालर की जरूरतों को पूरा किया है।

आईएमएफ की मांग पर अब कड़े फैसले नहीं लेगा पाकिस्तान

इस बीच गुरुवार को वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मांग पर कड़े फैसले नहीं लेगा। हमने पहले ही आईएमएफ की पूर्व-शर्तें लागू कर दी हैं। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से आईएमएफ पर निर्भर करता है कि वह स्टाफ स्तर के समझौते पर हस्ताक्षर करता है या नहीं।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ का ध्यान अब यह सुनिश्चित करने पर अधिक है कि पाकिस्तान बाहरी ऋण चुकौती की सीमा तक धन की व्यवस्था करके चूक न करे। वह अब बेहद कम बचे विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने पर जोर नहीं दे रहा है।

भीषण मंदी का सामना कर रही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था

गुरुवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में आईएमएफ प्रवक्ता जूली कोजैक ने कहा कि नौवीं समीक्षा को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए पाकिस्तान को ‘महत्वपूर्ण अतिरिक्त वित्तपोषण’ की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था मंदी का सामना कर रही है। इसकी बहुत बड़ी वित्तीय जरूरतें हैं। यह भीषण बाढ़ सहित कई झटकों से भी प्रभावित हुई है।

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